क्या 14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन एसआईआर में गड़बड़ी के खिलाफ है? : हरीश चौधरी
सारांश
Key Takeaways
- 14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन।
- मतदाता सूची में गड़बड़ियों का मुद्दा।
- कांग्रेस का वोट रक्षक अभियान।
भोपाल, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में सुधार के लिए चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी सहित कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर को दिल्ली में इन गड़बड़ियों के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और इसमें हो रही गड़बड़ियों से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता हुई। इस सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया।
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहा है। 14 दिसंबर को दिल्ली में एसआईआर से संबंधित विरोध प्रदर्शन होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में पात्र मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं या गलत तरीके से स्थानांतरित किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग काम कर रहा है, वहीं पात्र मतदाताओं की रक्षा अब कांग्रेस करेगी। हम हर उस नागरिक के साथ खड़े हैं, जिसका नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से हटाया जा रहा है या स्थानांतरित किया जा रहा है।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ‘वोट रक्षक अभियान’ की घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा की साजिशों के बीच कांग्रेस मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘वोट रक्षक अभियान’ शुरू कर रही है। अनेक स्थानों से शिकायतें आ रही हैं कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब किए जा रहे हैं। कांग्रेस अब हर बूथ पर अपना बीएलए नियुक्त करेगी, जो वोट रक्षक की भूमिका में रहकर मतदाता सूची पर पूरी नजर रखेंगे। चार दिसंबर को नई मतदाता सूची जारी होने के बाद कांग्रेस के ये वोट रक्षक हर वार्ड और हर बूथ पर नामों की बारीकी से जांच करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मतदाता सूची में फर्जीवाड़े और बीएलओ की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले बीएलओ घर-घर जाकर ईमानदारी से फॉर्म भरवाते थे, लेकिन अब संवैधानिक जिम्मेदारी से हटकर काम हो रहा है। भोपाल के नरेला क्षेत्र का मामला उठाते हुए उन्होंने बताया कि एक घर में वास्तव में केवल 4 लोग रहते हैं, लेकिन मतदाता सूची में उसी पते पर 108 नाम दर्ज हैं। उन्होंने इसे सुनियोजित फर्जीवाड़ा और बड़ी गड़बड़ी का साफ सबूत बताते हुए मनोज शुक्ला द्वारा इस प्रकरण को उजागर करने की सराहना की। उन्होंने मांग की है कि वर्ष 2023 और 2025 में यहां तैनात रहे सभी बीएलओ, सुपरवाइजर रिटर्निंग ऑफिसर्स की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच हो, फर्जी नाम जोड़ने या सही नाम काटने वालों पर कठोर कार्रवाई हो।