क्या सीआर पाटिल ने लालू शासन की याद दिलाई? बोले- सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली

Click to start listening
क्या सीआर पाटिल ने लालू शासन की याद दिलाई? बोले- सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली

सारांश

बिहार में चुनावी माहौल के बीच सीआर पाटिल ने लालू यादव के शासन के जंगलराज को याद करते हुए महागठबंधन की नीतियों पर सवाल उठाए। क्या बिहार की जनता अब भी लालू के समय को नहीं भुला पाई है?

Key Takeaways

  • बिहार की जनता ने लालू यादव के समय के जंगलराज को नहीं भुलाया है।
  • एनडीए सरकार विकास में निरंतरता बनाए रख रही है।
  • सीआर पाटिल ने छठ पर्व पर शुभकामनाएं दी।
  • बिहार के मतदाता विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
  • महागठबंधन के उम्मीदवारों पर सवाल उठाए गए।

पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में पहले चरण के चुनाव नजदीक आते ही, विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाने पर टिप्पणी की कि बिहार की जनता ने लालू यादव के समय का जंगलराज नहीं भुलाया है।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है।

सीआर पाटिल ने मीडिया से बातचीत करते हुए सभी बिहारवासियों को छठ की शुभकामनाएं दी और विश्वास जताया कि इस पर्व पर सभी को छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाता राज्य के विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार बनी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग यह दावा करते हैं कि वे भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार देंगे, उनके लिए मैं बस यही कहूँगा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली है। बिहार की जनता सब कुछ जानती है और अब किसी के बहकावे में नहीं आने वाली है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की गति निरंतर बनी हुई है। बिहार की जनता इन कार्यों से संतुष्ट है और उन्हें ज्ञात है कि किस सरकार के बनने से उन्हें लाभ होगा।

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि बिहार के लोग जो अन्य प्रदेशों में नौकरी के लिए गए थे, अब वापस आकर एनडीए के साथ खड़े हो गए हैं ताकि सही सरकार का चुनाव हो सके और बिहार का विकास सुनिश्चित हो सके।

बिहार की जनता लालू यादव के शासनकाल को नहीं भुलाई है। उस समय बिहार की स्थिति कितनी खराब थी! एनडीए सरकार के आने के बाद से बिहार में निरंतर विकास हो रहा है। केवल एनडीए सरकार ही जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

बिहार की २43 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में ६ और ११ नवंबर को मतदान होगा और परिणाम १४ नवंबर को घोषित होंगे। बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग ७.४३ करोड़ है, जिनमें लगभग ३.९२ करोड़ पुरुष और करीब ३.५० करोड़ महिला मतदाता हैं।

Point of View

और ऐसे में सीआर पाटिल का बयान महागठबंधन पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा और मतदाताओं की याददाश्त कितनी महत्वपूर्ण है।
NationPress
25/10/2025