क्या डिप्टी सीएम के आवास पर युवक की गिरफ्तारी फ्रॉड का मामला है?
सारांश
Key Takeaways
- उपमुख्यमंत्री के आवास पर धोखाधड़ी की घटना।
- दशरथ पाल का फर्जी प्रतिनिधित्व।
- सतर्कता टीम की तत्परता।
- पुलिस की कार्रवाई और मुकदमा।
- नेताओं के नाम का दुरुपयोग एक गंभीर अपराध।
लखनऊ, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर सक्रिय सतर्कता टीम ने नोएडा के निवासी दशरथ पाल को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर जनता के साथ धोखाधड़ी की और डिप्टी सीएम से मिलने के बहाने वहां पहुंचा था।
जानकारी के अनुसार, दशरथ पाल ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का प्रतिनिधि बनकर उपमुख्यमंत्री के आवास में प्रवेश किया। इस दौरान वह पकड़ा गया। कहा जा रहा है कि वह नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ और लखनऊ समेत कई स्थानों पर धोखाधड़ी कर चुका है।
यह घटना केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को सूचित की। इसके बाद सतर्कता टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी गौतमबुद्धनगर के दादरी थाना क्षेत्र का निवासी है। लखनऊ की पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है।
दशरथ पाल सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी की घटनाएं अंजाम दे रहा था। वह अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है और अपने आप को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का प्रतिनिधि बताकर उनके नाम का दुरुपयोग करता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि उसकी अन्य साजिशों और सहयोगियों के बारे में जानकारी मिल सके।
अब तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है और लगातार नेताओं के नाम का दुरुपयोग कर रहा था। बताया जा रहा है कि वह कई प्रभावशाली व्यक्तियों का नाम लेकर लोगों को ठगता था, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य के आवास की सतर्कता टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि वह एक फर्जी और धोखेबाज है।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी आखिर उपमुख्यमंत्री के आवास पर किस मकसद से पहुंचा था और उसने नेताओं के नाम का दुरुपयोग कर अब तक कितनी घटनाओं को अंजाम दिया है। केशव प्रसाद मौर्य ने इस घटना से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष को अवगत करा दिया है।