क्या मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की?

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क्या मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की?

सारांश

मध्य प्रदेश सरकार ने आईएएस संतोष वर्मा की बर्खास्तगी की सिफारिश की है। जाली दस्तावेजों के माध्यम से पदोन्नति के आरोप गंभीर हैं। जानें विस्तार से इस मामले में क्या हुआ।

Key Takeaways

  • संतोष वर्मा के खिलाफ बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है।
  • उनकी पदोन्नति जाली दस्तावेजों के माध्यम से की गई थी।
  • आधिकारिक जांच ने उनके आचार में गंभीर उल्लंघनों को उजागर किया।
  • केंद्र सरकार पर अंतिम निर्णय करना निर्भर है।
  • सरकार ने धोखाधड़ी के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।

भोपाल, ११ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उनकी पदोन्नति कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त की गई थी। विभागीय जांच में यह पाया गया है कि उनका आचरण सेवा नियमों का उल्लंघन करता है। सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में एक बयान जारी किया।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, राज्य सरकार ने वर्मा को भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस कैडर में पदोन्नत करने के लिए फर्जी और जाली पदोन्नति आदेश तैयार किए गए थे।

इन कथित मनगढ़ंत मामलों से जुड़े आपराधिक मामले पहले से ही विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।

जांच में पता चला है कि वर्मा ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके एक सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। उनका कारण बताओ नोटिस असंतोषजनक पाया गया और अधिकारियों ने यह भी देखा कि उन्होंने कार्रवाई के दौरान भी अभद्र और भड़काऊ बयान देना जारी रखा।

इसलिए, सरकार ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, १९६९ के तहत उनके खिलाफ औपचारिक आरोप पत्र जारी करने का निर्णय लिया है।

संतोष वर्मा हाल के महीनों में कई विवादों के केंद्र में रहे हैं।

इंदौर की अदालतों से मिली रिपोर्टों में पता चलता है कि वर्मा ने कथित तौर पर एक घरेलू मामले में बरी होने के लिए मनगढ़ंत फैसले तैयार करने के लिए एक न्यायाधीश के साथ साजिश रची, जिससे उनकी आईएएस पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

सूत्रों के अनुसार, वर्मा ने विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से पदोन्नति के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए न्यायिक रिकॉर्ड में हेरफेर किया।

जालसाजी के आरोपों के अलावा, वर्मा को सार्वजनिक मंचों पर अपने भड़काऊ बयानों के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है। एक वायरल वीडियो में उन्हें भड़काऊ बयान देते हुए सुना गया, जिसे सामुदायिक संगठनों और न्यायपालिका ने कड़ी आलोचना की।

सरकार ने इन टिप्पणियों को 'गंभीर दुर्व्यवहार' और सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन करार दिया, जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला और मजबूत हो गया।

मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए, कृषि विभाग ने वर्मा को कृषि विभाग में उप सचिव के पद से हटा दिया है।

उन्हें बिना किसी विभागीय कार्यभार या कार्य के जीएडी पूल से जोड़ दिया गया है, जिससे वे प्रभावी रूप से प्रशासनिक जिम्मेदारियों से अलग हो गए हैं।

केंद्र को बर्खास्तगी की सिफारिश करके और विभागीय आरोप लगाकर, राज्य ने संकेत दिया है कि धोखाधड़ीपूर्ण पदोन्नति और कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब अंतिम निर्णय केंद्र सरकार पर निर्भर करता है, जो वर्मा को आईएएस से हटाने के प्रस्ताव पर कार्रवाई करेगी।

Point of View

उसे सजा मिलनी चाहिए। यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे अन्य अधिकारियों को भी सही राह पर चलने का संदेश मिलेगा।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

संतोष वर्मा को क्यों बर्खास्त किया जा रहा है?
संतोष वर्मा को बर्खास्त करने की सिफारिश जाली दस्तावेजों के आधार पर पदोन्नति के आरोपों के कारण की गई है।
क्या संतोष वर्मा के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हो रही है?
जी हां, संतोष वर्मा के खिलाफ विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामले पहले से ही लंबित हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
मध्य प्रदेश सरकार ने संतोष वर्मा को बर्खास्त करने की सिफारिश की है और उनकी सेवाओं का निलंबन किया है।
क्या इस मामले में जांच जारी है?
हाँ, इस मामले में विभागीय जांच जारी है और निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बर्खास्तगी की अंतिम निर्णय कौन करेगा?
बर्खास्तगी की अंतिम निर्णय केंद्र सरकार करेगी।
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