क्या दिल्ली में लगेंगे 6 नए हाई-टेक एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन?
सारांश
Key Takeaways
- 6 नए हाई-टेक एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
- रीयल टाइम डेटा प्रदूषण के स्तर को समझने में मदद करेगा।
- ये स्टेशन दक्षिण, मध्य और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में होंगे।
- सभी मशीनें 24x7 संचालित होंगी।
- डेटा की गुणवत्ता पर सख्त मानक लागू होंगे।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने शहर में 6 नए कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें स्टेशन की सप्लाई, इंस्टॉलेशन, कमिशनिंग और लंबे समय तक संचालन का समावेश होगा।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ये नए स्टेशन दिल्ली की मॉनिटरिंग क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “रीयल टाइम डेटा हमें प्रदूषण के स्तर और उसके स्रोतों को समझने में मदद करेगा, जिससे हमारी कार्रवाई और भी प्रभावी हो सकेगी।”
ये 6 नए स्टेशन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, मलचा महल के पास इसरो अर्थ स्टेशन, दिल्ली कैंट, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (वेस्ट कैंपस) में स्थापित किए जाएंगे। ये सभी स्थान दक्षिण, मध्य और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महत्वपूर्ण संस्थानों और रिहायशी क्षेत्रों को कवर करेंगे, जिससे पूरे शहर की हवा की गुणवत्ता का अध्ययन और अधिक सटीक होगा।
मंत्री सिरसा ने बताया कि हर स्टेशन में अत्याधुनिक एनालाइजर स्थापित किए जा रहे हैं, जो पीएम2.5, पीएम10, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन और बीटेक्स जैसे प्रदूषकों को निरंतर मापेंगे। इसके साथ ही, हवा की दिशा, तापमान, नमी, बारिश और सोलर रेडिएशन जैसी मौसम संबंधी जानकारी भी रिकॉर्ड की जाएगी, ताकि प्रदूषण के फैलाव को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा जा सके।
सभी मशीनें 24×7 संचालित होंगी और डेटा छोटे-छोटे अंतराल पर रिकॉर्ड किया जाएगा। यह डेटा मानकों के अनुसार जांचा जाएगा और दैनिक, साप्ताहिक और मासिक रिपोर्टों में उपयोग किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में पारदर्शिता और तात्कालिक जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। सही जानकारी मिलने पर ही लोग, विशेषज्ञ और एजेंसियां मिलकर प्रभावी कदम उठा पाती हैं।
चयनित तकनीकी भागीदार अगले 10 साल तक स्टेशनों का संचालन और रखरखाव करेगा, जिसमें 24×7 ऑपरेशन, नियमित सर्विसिंग, समय–समय पर कैलिब्रेशन, सुरक्षा और तकनीकी सहायता शामिल है। डेटा की गुणवत्ता 90 प्रतिशत से कम नहीं हो सकेगी, इसके लिए सख्त मानक और दंड भी निर्धारित किए गए हैं।
डेटा को मानकों के अनुसार एकत्र और वैरिफाई किया जाएगा। मंत्री सिरसा ने दोहराया कि दिल्ली की पूरी रणनीति मजबूत वैज्ञानिक आधार पर आधारित होनी चाहिए। हॉटस्पॉट पहचानने से लेकर किसी बड़े कदम के असर को समझने तक, डेटा पर आधारित निर्णयों से ही हम आगे बढ़ेंगे।