दिल्ली: क्या मनजिंदर सिंह सिरसा ने डस्ट पोर्टल 2.0 और ग्रीन दिल्ली ऐप की प्रगति की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- डस्ट पोर्टल 2.0 रियल-टाइम प्रदूषण मॉनिटरिंग में सहायक है।
- ग्रीन दिल्ली ऐप नागरिकों को शिकायतें दर्ज करने की सुविधा देता है।
- सभी एजेंसियों का समन्वय एक ही प्लेटफॉर्म पर होगा।
- प्रदूषण नियंत्रण में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- नागरिक सहभागिता से ही दिल्ली की हवा को साफ किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार पर्यावरण संरक्षण को और पारदर्शी, टेक्नोलॉजी-आधारित और जवाबदेह बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने डस्ट पोर्टल 2.0 और अपडेटेड ग्रीन दिल्ली ऐप की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। ये दोनों पहलें दिल्ली में रियल-टाइम प्रदूषण मॉनिटरिंग और नागरिक शिकायत निवारण को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से विकसित की जा रही हैं।
नया डस्ट पोर्टल जीआईएस के माध्यम से निर्माण स्थलों की सीमा को स्वतः चिह्नित करेगा, नियमों की ऑटोमेटिक जांच करेगा और वायु गुणवत्ता के स्तर के अनुसार कलर-कोडेड अलर्ट जारी करेगा। हर पंजीकृत निर्माण स्थल को एक यूनिक क्यूआर कोड दिया जाएगा, जिसमें उसके पूरे कम्प्लायंस रिकॉर्ड की डिजिटल जानकारी उपलब्ध होगी। यह जानकारी मोबाइल स्कैन के जरिए निरीक्षण टीमों को तुरंत मिल पाएगी। पोर्टल को एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीडीए के सिस्टम से जोड़ने की प्रक्रिया भी जारी है, ताकि सभी एजेंसियां एक ही प्लेटफॉर्म पर समन्वय कर सकें।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में टेक्नोलॉजी सबसे बड़ी ताकत है। डस्ट पोर्टल 2.0 जैसे टूल से हम रियल-टाइम में उल्लंघन पकड़ सकेंगे और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित कर पाएंगे। इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पोर्टल का बीटा वर्जन कुछ ही सप्ताह में परीक्षण के लिए तैयार किया जाए और उसके बाद अंतिम लॉन्च समयबद्ध तरीके से किया जाए।
इसके साथ ही ग्रीन दिल्ली ऐप नागरिकों को 17 श्रेणियों में शिकायतें दर्ज करने की सुविधा देता है, जैसे मलबा फेंकना, सड़क धूल, खुले में जलाना, औद्योगिक धुआं आदि। सभी शिकायतों की मॉनिटरिंग और समाधान संबंधित विभागों के डैशबोर्ड से सीधे जुड़ा हुआ है।
मंत्री ने लंबित शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए और कहा कि शिकायत के समाधान की पुष्टि के लिए संबंधित अधिकारी का 200 मीटर के दायरे में मौजूद होना अनिवार्य होगा। इससे समाधान की सटीकता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार सिर्फ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं कर रही, बल्कि ऐसी मजबूत व्यवस्थाएं बना रही है जो सालभर काम करें। हमारा फोकस ग्राउंड पर नतीजों और लोगों के भरोसे पर है।
नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि ग्रीन दिल्ली ऐप पर की गई हर शिकायत दिल्ली को स्वच्छ हवा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाती है। लोगों की भागीदारी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। मिलकर ही दिल्ली की हवा को और रहने योग्य बनाया जा सकता है।