क्या दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और बाढ़ का खतरा बढ़ा है?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- पुराना रेलवे ब्रिज बंद कर दिया गया है।
- बाढ़ के खतरे के चलते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में निरंतर पानी छोड़े जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि पुराना रेलवे ब्रिज बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही, यमुना नदी के किनारे स्थित क्षेत्रों में जिलाधिकारी सतत निगरानी कर रहे हैं।
दिल्ली में इस समय यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच चुका है। लोहा पुल (पुराना लोहे का पुल) के समीप जलस्तर निकासी के निशान 206 मीटर के करीब पहुँच गया है। इसी कारण पुल को बंद किया गया है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली के यमुना बाजार सहित अन्य स्थानों पर पानी आवासीय कॉलोनियों में प्रवेश करने लगा है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की आवश्यकता पड़ रही है।
हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से पिछले 24 घंटों में 3.29 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार, यमुना बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुँचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। इस प्रकार दिल्ली में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। दो वर्ष पूर्व, यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुँच गया था, जिससे राजघाट और लाल किला क्षेत्र में कई फीट तक पानी भर गया था।
वर्तमान में, परिस्थितियों को देखते हुए दिल्ली में भी बैराजों के गेट खोले जा चुके हैं, ताकि राजधानी में पानी का दबाव कम किया जा सके और बाढ़ की स्थिति और गंभीर न हो। जिला मजिस्ट्रेटों की निगरानी में जल निकासी प्रक्रिया जारी है।
हालांकि, यमुना का लगातार बढ़ता जलस्तर प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। दिल्ली में यमुना किनारे रहने वाले नागरिकों से प्रशासन ने निर्देशों का पालन करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया है कि सितंबर में मानसून सक्रिय रहेगा और देश के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। राजधानी दिल्ली में सोमवार को बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया था, जहाँ सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश जारी रही।