क्या पीपल का वृक्ष धरती का देव वृक्ष है, जिसमें औषधीय गुणों का खजाना छिपा है?

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क्या पीपल का वृक्ष धरती का देव वृक्ष है, जिसमें औषधीय गुणों का खजाना छिपा है?

सारांश

पीपल का वृक्ष, जिसे आयुर्वेद में संपूर्ण औषधीय वृक्ष माना जाता है, न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मानसिक शांति का भी स्रोत है। जानिए इसके औषधीय गुण और धार्मिक महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • पीपल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है।
  • यह धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • इसके विभिन्न भागों का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है।
  • पीपल की पूजा से मानसिक शांति मिलती है।
  • इसके सेवन में सावधानी आवश्यक है।

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पीपल का वृक्ष भारतीय संस्कृति में केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसे एक सम्पूर्ण औषधीय वृक्ष माना जाता है। संस्कृत में इसे अश्वत्थ कहा जाता है। यह वृक्ष त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। धार्मिक दृष्टि से इसकी पूजा की जाती है और वैज्ञानिक दृष्टि से यह 24 घंटे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करने वाला अद्वितीय वृक्ष है।

आयुर्वेदिक ग्रंथ जैसे चरक संहिता और भावप्रकाश निघंटु में पीपल को वात, पित्त और कफ दोषों का नाशक, रक्तशोधक, हृदय के लिए लाभकारी और शीतल प्रकृति का बताया गया है। इसके फल, पत्ते, छाल, दूध (लेटेक्स) और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।

पीपल की छाल का काढ़ा श्वास रोग, खांसी और दस्त जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी होता है। यह कफ को साफ कर सांस लेने में राहत देता है। इसके हरे पत्तों का लेप त्वचा विकारों जैसे फोड़े, फुंसी, डैंड्रफ, खुजली और फंगल संक्रमण में बेहद प्रभावशाली होता है।

दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन में इसके डंठल से निकलने वाला सफेद दूध (लेटेक्स) उपयोगी होता है। दस्त और आंतों की कमजोरी में पीपल की सूखी छाल का चूर्ण दही के साथ सेवन करने से लाभ होता है। हृदय रोगों के लिए पीपल के सूखे पत्तों का काढ़ा शहद के साथ सेवन करना दिल को मजबूती देता है और धड़कन को सामान्य करता है। इसके अलावा, पीपल के फल का चूर्ण शहद या दूध के साथ लेने से पुरुषों में ऊर्जा और स्फूर्ति मिलती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल की पूजा करने से पितृ दोष और शनि संबंधी दोषों की शांति होती है। इसकी छाया में ध्यान करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। यह वृक्ष न केवल पर्यावरण को शुद्ध करता है, बल्कि मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

हालांकि, इसके उपयोग में सावधानी भी आवश्यक है। पीपल का दूध आंखों या अत्यंत संवेदनशील त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए और गर्भवती स्त्रियों को किसी भी पीपल आधारित औषधि का सेवन वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए।

Point of View

बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। इसके उपयोग से न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देता है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या पीपल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है?
हां, पीपल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है और इसे आयुर्वेद में महत्वपूर्ण माना जाता है।
पीपल की पूजा का धार्मिक महत्व क्या है?
पीपल की पूजा से पितृ दोष और शनि संबंधी दोषों की शांति होती है।
क्या पीपल का दूध आँखों पर लगाना सुरक्षित है?
नहीं, पीपल का दूध आंखों या अत्यंत संवेदनशील त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए।
क्या गर्भवती महिलाएं पीपल के औषधियों का सेवन कर सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को पीपल आधारित औषधियों का सेवन वैद्य की सलाह से करना चाहिए।
पीपल के पत्तों का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
पीपल के हरे पत्तों का लेप त्वचा विकारों में उपयोगी होता है।