क्या मध्य प्रदेश के किसान अब सोलर पंप के लिए केवल 10 प्रतिशत राशि देंगे? : सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- किसान अब सोलर पंप की लागत का केवल 10 प्रतिशत राशि देंगे।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की है।
- सोयाबीन किसानों को नुकसान की राशि प्रदान की जा रही है।
- भावांतर योजना के तहत फसल बेचने की तिथि निर्धारित की गई है।
- किसानों के लिए पंजीकरण कार्य पूरा किया गया है।
भोपाल, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के किसानों को धनतेरस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण सौगात मिली है। अब किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का 40 प्रतिशत देने के बजाय केवल 10 प्रतिशत राशि चुकानी होगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक किसान सम्मेलन में की।
इस किसान सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले सोलर पंप पर किसानों को 40 प्रतिशत की राशि देनी होती थी, जो अब घटकर 10 प्रतिशत हो गई है। वर्तमान में एक सोलर पंप की कीमत लगभग पाँच लाख रुपये है, जिसमें से पहले किसानों को लगभग दो लाख रुपये देने पड़ते थे, लेकिन अब उन्हें केवल 50 हजार रुपये देने होंगे।
मुख्यमंत्री यादव ने राज्य के सोयाबीन किसानों के लिए लागू की गई भावांतर योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सोयाबीन के किसानों को बारिश के कारण नुकसान हुआ है। सरकार अब किसानों को नुकसान की राशि प्रदान कर रही है, और रिपोर्ट के अनुसार, राशि किसानों के खातों में जमा की जा रही है।
सीएम मोहन यादव ने किसानों के लिए सरकार के निर्णयों पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसलों का उचित दाम दे रही है। गेहूं उत्पादक किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर मिल रही है। भावांतर योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी फसल कृषि उपज मंडियों में बेच सकेंगे। पात्र किसानों के आधार लिंक बैंक खातों में राशि सीधे जमा की जाएगी। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण कार्य 17 अक्टूबर तक पूरा किया गया है, ताकि कोई भी पात्र किसान योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे।