क्या बिहार चुनाव में जन सुराज प्रत्याशी गीता पासी ने मोहनिया से नामांकन किया? भाजपा पर गंभीर आरोप!

सारांश
Key Takeaways
- गीता पासी का नामांकन मोहनिया से हुआ है।
- भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- जनता के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए चुनावी रणनीतियाँ बनाई जा रही हैं।
- ओमप्रकाश दीवाना भी चुनावी मैदान में हैं।
- चुनाव में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है।
कैमूर, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारी को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में कई नेता टिकट ना मिलने की वजह से बाहर हो रहे हैं, जबकि कुछ लोग नए टिकट के साथ नामांकन कर रहे हैं।
शनिवार को, जन सुराज पार्टी के सिंबल पर गीता पासी ने कैमूर की मोहनिया विधानसभा सीट से नामांकन भरा। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए।
गीता पासी ने कहा, "मोहनिया से मैं दो बार जिला पार्षद रह चुकी हूँ। अब यहां की जनता मुझे विधायक के रूप में चुनना चाहती है। यही कारण है कि जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मुझे कैंडिडेट बनाकर मोहनिया विधानसभा की जनता की सेवा में भेजा है।"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा और कुछ अन्य पार्टियां गरीबों का सिरिंज से खून निकालने का काम कर रही हैं। मेरे पास पैसों की कमी है, लेकिन पार्टी ने मुझे काबिल समझा और मोहनिया की जनता की मांग पर मुझे सिंबल दिया। अगर मैं मोहनिया से जीतती हूँ, तो चांदनी चौक से जाम की समस्या का समाधान करूंगी। इसके साथ ही, मैं स्वास्थ्य व्यवस्था और लड़कियों के लिए महिला कॉलेज की व्यवस्था करूँगी।"
भाजपा ने इस सीट से संगीता कुमारी को टिकट दिया है, वहीं बसपा के टिकट पर चर्चित बिरहा गायक ओमप्रकाश दीवाना भी चुनावी मैदान में हैं।
शुक्रवार को, मोहनिया से ओमप्रकाश दीवाना ने बसपा के टिकट पर नामांकन भरा। इस दौरान उन्होंने कहा, "इस बार का मुद्दा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और युवाओं का पलायन है। इन मुद्दों को लेकर मैं समाज में जा रहा हूँ।"
उन्होंने यह भी कहा, "चुनाव में जितने भी प्रत्याशी हैं, वे सभी प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन मैं कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी को अपनी लड़ाई का द्योतक नहीं मानता, क्योंकि मुझे वोट हमेशा अपने मतदाताओं से लेना है।"