क्या बिहार चुनाव के समय दिल्ली में विस्फोट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट और बिहार चुनाव के संदर्भ में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।
- सरकार को आतंकवादियों की पहचान करने की आवश्यकता है।
- घरेलू आतंकवाद एक गंभीर चिंता का विषय है।
- यह घटना आम लोगों की सुरक्षा पर प्रश्न उठाती है।
मुंबई, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने दिल्ली विस्फोट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान दिल्ली में घटित इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाई जगताप ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले दिल्ली के लाल किले के नजदीक हुआ धमाका केवल दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण सवाल भी खड़ा करता है। चुनाव से पहले ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि ये आतंकवादी कौन हैं। यदि सरकार का मानना है कि ये वास्तव में आतंकवादी हैं, तो उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये लोग कौन हैं, चाहे वे स्थानीय हों या बाहरी।
उन्होंने कहा कि चाहे किसी भी पृष्ठभूमि के हों, आतंकवादी तो आतंकवादी होते हैं। यह देखकर लगता है कि सरकार शक का बोझ दूसरों पर डाल रही है, जो अत्यंत संदिग्ध है। यह एक दुखद घटना है, जिसमें कई आम नागरिकों की जान गई है। मैं मृतकों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली विस्फोट के बाद जो टिप्पणी की थी, उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने संकेत दिया कि घरेलू आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि पहलगाम में हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि हमला किसने किया। दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी कोई न कोई संगठन लेता है, लेकिन हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए घरेलू आतंकवाद एक गंभीर चिंता का विषय है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कम से कम दिल्ली विस्फोट का सच सामने आना चाहिए। यह एक आतंकवादी हमला है, और इसकी पुष्टि में कई दिन लग जाते हैं। यह कार्य पहले ही हो जाना चाहिए। एनआईए, आईबी, और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे यह पता लगाएं कि आतंकवादी हमला किसने किया और इसके पीछे क्या मंशा थी।
उन्होंने कहा कि यदि कोई आतंकवादी संगठन जिम्मेदारी नहीं लेता, तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जवाबदेही ले। सच्चाई जानना जनता का अधिकार है। आतंकवाद का कोई धर्म या जाति नहीं होती। इस देश में अतीत में भी ऐसे कई आतंकवादी पकड़े गए हैं जिनमें विभिन्न समुदायों के लोग शामिल थे। आतंकवाद तो आतंकवाद है।