क्या धर्म की आड़ में पैसा लेने वाले कथावाचक और मौलवी से दूरी बनानी चाहिए?

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क्या धर्म की आड़ में पैसा लेने वाले कथावाचक और मौलवी से दूरी बनानी चाहिए?

सारांश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कथावाचकों पर बयान के बाद, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने चेतावनी दी है कि धर्म के नाम पर पैसे लेने वाले लोगों से समाज को दूरी बनानी चाहिए। यह मुद्दा आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है और हमें सचेत रहना चाहिए।

Key Takeaways

  • धर्म का नाम लेकर पैसे वसूलने वाले लोगों से दूर रहना चाहिए।
  • अखिलेश यादव का बयान सचाई को उजागर करता है।
  • 95% लोग ऐसे पेशेवर हैं जो पैसे लेकर काम करते हैं।
  • सिर्फ 5% लोग हैं जो बिना पैसे के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।
  • हमें अच्छे लोगों को आगे लाना चाहिए।

बरेली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा रविवार को कथावाचकों पर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि धर्म की आड़ में पैसा लेने वाले कथावाचक और मौलवी से समाज के लोग दूरी बनाएं।

शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मंगलवार को कहा कि अखिलेश यादव के बयान में एक कथावाचक का नाम उल्लेखित किया गया है। उनका यह बयान सत्य है। मैं आमतौर पर अखिलेश यादव का समर्थन नहीं करता, क्योंकि वह हमेशा सच नहीं बोलते। लेकिन इस बार उन्होंने सही बात कही है, इसलिए मैं इस बयान का समर्थन करता हूँ।

उन्होंने बताया कि चाहे वे हिंदू कथावाचक हों, या मुस्लिम जलसों में भाषण देने वाले मौलवी हों, या फिर शायर हों, ये सभी पेशेवर हैं। ये बिना पैसे तय किए किसी कार्यक्रम में नहीं जाते। इनकी निजी सुरक्षा होती है, जो उनका पैसा तय करती है। इसके बाद ही उन्हें कार्यक्रम की तारीख मिलती है। ये पहले पैसे लेते हैं।

बरेलवी ने कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं और अपनी कमाई के लिए काम कर रहे हैं। इन्होंने धर्म का लेबल लगाकर पेशेवर तरीके से कमाई का धंधा शुरू किया है। ये आम लोगों को और समाज को धोखा दे रहे हैं। 95 प्रतिशत लोग इसी तरह का काम करते हैं।

मौलाना ने कहा कि ये लोग धर्म के नाम पर दुनियादारी कर रहे हैं, अपने चेहरे और लिबास पर धर्म का टाइटल लगा रखा है, और इसकी आड़ में न जाने कौन-कौन से दुनियादारी के काम कर रहे हैं। इनका दावा खोखला और समाज को भ्रमित करने वाला है। रजवी ने कहा कि 5 फीसदी अच्छे लोग भी हैं जो बिना पैसे के कार्यक्रमों में जाते हैं। ऐसे लोगों को बुलाया जाना चाहिए, जिससे दीन और धर्म के नाम पर चल रहा धंधा बंद हो। ऐसे अच्छे लोगों को अपने कार्यक्रमों में बुलाएं, ताकि समाज में अच्छा पैगाम जाए और उनके माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया जा सके।

मौलाना ने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर सिर्फ दिखावा करते हैं। उनके दावे खोखले हैं और समाज को गुमराह करते हैं। रजवी ने कहा कि 5 फीसदी लोग अच्छे भी हैं, जो बिना पैसे के कार्यक्रमों में जाते हैं। हमें ऐसे लोगों को बुलाना चाहिए ताकि धर्म के नाम पर चल रहा धंधा बंद हो। अच्छे लोगों को अपने कार्यक्रमों में शामिल करें ताकि समाज में अच्छा संदेश जाए और बुराइयों को दूर किया जा सके।

बता दें, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में कई कथावाचक 50 लाख रुपए फीस लेते हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी की औकात नहीं कि वह धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए बुला सके। अखिलेश ने आगे कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को घर पर कथा के लिए बुलाइए, वह मोटी रकम लेते हैं। आप पता करें कि उनकी कथा की फीस कितनी है।

-- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/पीएसके/केआर

Point of View

मौलाना रजवी का बयान इस समय की एक गंभीर आवश्यकता को दर्शाता है। हमें समाज में व्याप्त इस तरह के धंधों के खिलाफ जागरूक होना चाहिए और अच्छे लोगों को आगे लाना चाहिए। यह न केवल धार्मिक मूल्यों की रक्षा करेगा, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या धर्म के नाम पर पैसे लेना सही है?
धर्म के नाम पर पैसे लेना कई बार गलत होता है, क्योंकि यह लोगों को धोखा देने का काम करता है।
अखिलेश यादव का बयान किस विषय पर था?
अखिलेश यादव ने कथावाचकों के पैसे लेने के विषय पर बयान दिया था।
मौलाना रजवी ने क्या कहा?
मौलाना रजवी ने कहा कि समाज को पैसे लेने वाले कथावाचकों से दूरी बनानी चाहिए।
धर्म पर आधारित कार्यक्रमों में किसे बुलाना चाहिए?
हमें ऐसे अच्छे लोगों को बुलाना चाहिए जो बिना पैसे के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं।
बुराइयों को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए?
हमें अच्छे संदेश देने वाले लोगों को आगे लाना चाहिए और समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए।