क्या पढ़े-लिखे लोग भी हो सकते हैं आतंकवादी? दिल्ली ब्लास्ट पर उदित राज का बयान
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ब्लास्ट में डॉक्टरों की संलिप्तता
- शिक्षा का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं
- आपराधी केवल अशिक्षित नहीं होते
- गृह मंत्री का पाताल से खोजने का बयान
- सीजफायर का आतंकवाद पर प्रभाव
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के बम धमाके में डॉक्टरों की संलिप्तता पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि शिक्षित लोग भी आतंकवाद की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह धारणा गलत है कि शिक्षित लोग ऐसी गतिविधियों से दूर रहते हैं, क्योंकि हर धर्म और समुदाय में अपवाद पाए जाते हैं। पढ़े-लिखे लोग भी आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
उदित राज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में यह भी कहा, "अगर डॉक्टर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं, तो यह कोई नई बात नहीं है। पढ़े-लिखे लोग भी आतंकवादी और आपराधी हो सकते हैं।"
गृह मंत्री अमित शाह ने लाल किला के निकट हुए बम धमाके से जुड़े आतंकियों के बारे में कहा था कि हम पाताल से खोजकर दोषियों को सजा देंगे।
उदित राज ने गृह मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पहलगाम, उरी, पुलवामा, पुंछ, राजौरी के लोगों को क्यों नहीं मारा गया? ये सब बड़बोले हैं। अगर पाताल से खोजकर इन्हें पकड़ने का काम किया होता, तो ये लोग अब तक डर गए होते।"
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "ट्रंप के दबाव में सीजफायर कर दिया गया। पाकिस्तान में हमारी सेना आतंकियों को तबाह कर रही थी। अगर सीजफायर ना हुआ होता, तो आतंकवादी गतिविधियों का अंत हो चुका होता।"
गौरतलब है कि दिल्ली में लाल किला के सामने 10 नवंबर की शाम लगभग 6 बजकर 50 मिनट पर एक कार में धमाका हुआ था। जांच में सामने आया है कि विस्फोटक से भरी कार को डॉक्टर उमर चला रहा था। सोमवार को दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस धमाके में 15 लोगों की जान गई थी।