क्या उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने तनोट में बीएसएफ जवानों के साथ 'मन की बात' सुनी?

सारांश
Key Takeaways
- तनोट माता मंदिर की पूजा और दर्शन
- बीएसएफ जवानों के साथ संवाद और सम्मान
- शहीदों को श्रद्धांजलि
- 'मन की बात' कार्यक्रम का महत्व
- सीमा सुरक्षा के लिए जवानों की भूमिका
जैसलमेर, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रविवार को जैसलमेर जिले के तनोट क्षेत्र का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने तनोट माता मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और देश की सुरक्षा की मंगलकामना की।
तनोट माता मंदिर में दर्शन के पश्चात, उपमुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'मन की बात' कार्यक्रम भी सुना। उन्होंने कहा कि तनोट माता का स्थान केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि वीरता का प्रतीक भी है। उन्होंने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि उस समय मंदिर पर गिरे कई गोले माता की कृपा से फटे नहीं थे, जो यहां की अद्भुत शक्ति का प्रमाण है।
मंदिर के दर्शन के बाद, दिया कुमारी ने बीएसएफ के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान जवानों ने उन्हें सेना की कैप पहनाकर सम्मानित किया। उपमुख्यमंत्री ने जवानों के हौसले की सराहना करते हुए कहा कि आज देश सुरक्षित है क्योंकि हमारे वीर जवान दिन-रात सीमाओं पर तैनात हैं। उनकी वीरता पर पूरा देश गर्व करता है।
इसके पश्चात, उपमुख्यमंत्री तनोट विक्ट्री पिलर पहुंचीं और शहीद जवानों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूला जा सकता, उनका साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
यात्रा के दौरान, दिया कुमारी बबलियां चौकी भी पहुंचीं, जहां उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों से बातचीत की और उनके अनुभव सुने। उन्होंने जवानों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि आपकी बहादुरी ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 125वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं से लेकर जम्मू-कश्मीर की नई उपलब्धियों तक कई मुद्दों पर अपनी राय साझा की।