क्या मुंबई कोर्ट ने गैंगस्टर डीके राव को पुलिस कस्टडी में भेजा है?

सारांश
Key Takeaways
- डीके राव को धमकी देने और वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- कोर्ट ने उन्हें 3 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा।
- जांच में और भी खुलासे की संभावनाएं हैं।
- बिल्डर ने डीके राव की मदद से धमकी दी।
- क्राइम ब्रांच अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।
मुंबई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने एक बिल्डर को धमकी देने और वसूली के आरोप में गैंगस्टर डीके राव समेत दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद, आज उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों के लिए क्राइम ब्रांच की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया।
क्राइम ब्रांच अब पूरे नेटवर्क की विस्तृत जांच कर रही है और संभवतः और भी खुलासे हो सकते हैं। वहीं, डीके राव की वकील किरण जाधव ने कहा कि उनके मुवक्किल का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल उनके नाम के साथ गैंगस्टर शब्द जुड़ा होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि डीके राव और अन्य दो आरोपियों का इस मामले से कोई संबंध नहीं है; यह एक गलत गिरफ्तारी है। डीके राव शुक्रवार को एक केस के सिलसिले में सेशन कोर्ट में थे, तभी क्राइम ब्रांच ने उन्हें वहां से उठाया।
मुंबई क्राइम ब्रांच के अनुसार, यह कार्रवाई एक बिल्डर से वसूली और धमकी देने के मामले में की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि चेंबूर के एक बिल्डर ने किसी व्यक्ति से लगभग सवा करोड़ रुपए लिए थे। यह रकम वह कथित तौर पर वापस नहीं करना चाहता था, जिसके कारण उसने डीके राव की मदद ली। बिल्डर के कहने पर, डीके राव ने उस व्यक्ति को धमकी दी।
जब इस मामले की शिकायत मुंबई पुलिस को मिली, तो क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में यह बात सामने आई कि डीके राव ने बिल्डर के साथ मिलकर धमकी देने का काम किया। इसके बाद पुलिस ने वसूली और धमकी देने के मामले में मामला दर्ज किया।
पुलिस के अनुसार, डीके राव एक पुराना नाम है जो मुंबई के अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ है और उसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह कभी दाऊद इब्राहिम के विरोधी गैंग से जुड़ा रहा है। वह कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना करता रहा है।
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस वसूली के पीछे और कौन लोग शामिल थे और क्या यह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था।