क्या तमिलनाडु में डीएमके शासन के दौरान 800 करोड़ का नौकरी घोटाला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- 800 करोड़ का घोटाला तमिलनाडु में सामने आया है।
- एआईएडीएमके ने डीएमके पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पलानीस्वामी ने एफआईआर की मांग की है।
- भर्ती में रिश्वत और अनियमितताएं पाई गईं।
- ईडी की जांच में कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
चेन्नई, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने डीएमके सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने तमिलनाडु के नगर प्रशासन और पेयजल आपूर्ति विभाग में हुए 800 करोड़ रुपए के कथित नौकरी घोटाले में तुरंत एफआईआर दर्ज करने और कठोर कदम उठाने की मांग की।
पलानीस्वामी ने इसे 'युवाओं के साथ एक बड़ा धोखा' बताया और कहा, "हर जगह भ्रष्टाचार है, हर चीज में भ्रष्टाचार है।" यह आरोप आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद सामने आया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, विभाग में सहायक इंजीनियर, टाउन प्लानिंग ऑफिसर, जूनियर इंजीनियर और सैनिटरी इंस्पेक्टर जैसे 2,538 पदों की भर्ती में गंभीर अनियमितताएं हुईं। ईडी की जांच में यह पाया गया कि उम्मीदवारों से प्रति पद 25 से 35 लाख रुपए तक की रिश्वत ली गई। कुल 1.12 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर रिश्वत देने वालों को नौकरी दी गई। यह रिश्वत राशि फर्जी कंपनियों और बेनामी खातों के माध्यम से लॉन्डर की गई।
यह घोटाला ईडी की एक मनी लॉन्डरिंग जांच के दौरान उजागर हुआ, जिसका संबंध डीएमके मंत्री के.एन. नेहरू के भाई एन. रविचंद्रन से जुड़ी ट्रू वैल्यू होम्स (टीवीएच) कंपनी से था। ईडी ने तमिलनाडु के कई जिलों में छापे मारे और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। एजेंसी ने राज्य के डीजीपी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें शामिल लोगों के नाम हैं। ईडी का कहना है कि पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत आगे की कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस को पहले एफआईआर दर्ज करनी होगी।
पलानीस्वामी ने कार्यवाहक डीजीपी से अपील की कि बिना भेदभाव के एफआईआर दर्ज हो और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) को तुरंत निर्देश दिए जाएं। उन्होंने कहा, "डीएमके ने सरकारी भर्तियों को रिश्वत का बाजार बना दिया है। यह नौकरी रैकेट युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।" उन्होंने डीएमके सरकार पर 'पारदर्शिता का ढोंग' करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर कुछ छिपाने को नहीं है, तो निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के शिक्षित युवाओं की आकांक्षाओं पर सरकार की उदासीनता की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "सरकारी नौकरी युवाओं के लिए सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक है, लेकिन डीएमके ने इसे रिश्वतखोरी का दुष्चक्र बना दिया है। उनकी कड़ी मेहनत और सपने भ्रष्टाचार के बोझ तले दब गए हैं।"
उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके डीएमके के हर भ्रष्टाचार को उजागर करती रहेगी।