क्या पश्चिम बंगाल में ईसीआई की चार सदस्यीय टीम का दौरा एसआईआर प्रोग्रेस की समीक्षा करेगा?

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क्या पश्चिम बंगाल में ईसीआई की चार सदस्यीय टीम का दौरा एसआईआर प्रोग्रेस की समीक्षा करेगा?

सारांश

पश्चिम बंगाल में ईसीआई की केंद्रीय टीम का दौरा, एसआईआर की प्रगति का करेगी समीक्षा। जानें राज्य में वोटरों के लिए क्या नई जानकारी आ रही है।

Key Takeaways

  • ईसीआई की केंद्रीय टीम का दौरा 21 नवंबर तक चलेगा।
  • एसआईआर प्रक्रिया राज्य में वोटर पहचान के लिए महत्वपूर्ण है।
  • एक करोड़ से अधिक गिनती के फॉर्म का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है।
  • पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया 2002 के बाद से हो रही है।
  • वोटर पहचान के लिए 11 दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

कोलकाता, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम मंगलवार को कोलकाता पहुँच रही है। यह टीम राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की समीक्षा के लिए चार दिन के दौरे पर आएगी, जो कि 4 नवंबर से प्रारंभ हुआ था।

इस महीने में रिवीजन प्रक्रिया की समीक्षा के लिए सेंट्रल ईसीआई टीम का यह दूसरा दौरा है। टीम के सदस्यों में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश भारती, ईसीआई के दो प्रिंसिपल सेक्रेटरी, एस.बी. जोशी और मलय मलिक, तथा डिप्टी सेक्रेटरी अभिनव अग्रवाल शामिल हैं।

सेंट्रल टीम मंगलवार को कोलकाता पहुंचेगी और 21 नवंबर तक राज्य में रहेगी। इस दौरे के दौरान, टीम कोलकाता, साउथ 24 परगना, नादिया, मुर्शिदाबाद और मालदा में एसआईआर की प्रगति का समीक्षा करेगी।

इस महीने की शुरुआत में, पिछले दौरे पर सेंट्रल ईसीआई टीम ने नॉर्थ बंगाल के तीन जिलों में एसआईआर की प्रगति का समीक्षा किया था।

पश्चिम बंगाल में तीन चरणों वाला एसआईआर 4 नवंबर को शुरू हुआ था। सूत्रों के अनुसार, वोटरों के बीच गिनती के फॉर्म बांटने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (सीईओ) के ऑफिस से प्राप्त ताजा जानकारी के मुताबिक, बूथ-लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) द्वारा इकट्ठा किए गए गिनती के फॉर्म का डिजिटाइजेशन पहले ही शुरू हो चुका है और एक करोड़ से अधिक गिनती के फॉर्म का डिजिटाइजेशन पूर्ण हो चुका है।

27 अक्टूबर तक, इलेक्टोरल रोल के अनुसार पश्चिम बंगाल में कुल वोटरों की संख्या 7,66,37,529 है। पूरी प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च तक पूर्ण होने की आशा है। पश्चिम बंगाल में पिछली बार एसआईआर 2002 में हुआ था।

जिन वोटरों के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की वोटर लिस्ट में थे, उन्हें एसआईआर प्रक्रिया में अपने आप वैध वोटर माना जाएगा। वहीं, जिन वोटर्स के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं थे, उन्हें अपना नाम वोटर रोल में बनाए रखने के लिए ईसीआई द्वारा बताए गए 11 दस्तावेजों में से कोई भी जमा करना होगा।

Point of View

यह कहना उचित है कि पश्चिम बंगाल में ईसीआई की यह टीम न केवल चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, बल्कि यह लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह समीक्षा महत्वपूर्ण है और हमें उम्मीद है कि इससे भविष्य में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

ईसीआई की टीम का दौरा कब हो रहा है?
ईसीआई की चार सदस्यीय टीम का दौरा मंगलवार को कोलकाता में हो रहा है।
एसआईआर का क्या महत्व है?
एसआईआर का उद्देश्य वोटर पहचान और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।
कितने वोटर इस प्रक्रिया में शामिल होंगे?
पश्चिम बंगाल में कुल 7,66,37,529 वोटर हैं।
एसआईआर का पहला चरण कब शुरू हुआ था?
एसआईआर का पहला चरण 4 नवंबर को शुरू हुआ था।
क्या पुरानी वोटर लिस्ट में नाम होने से लाभ होता है?
हाँ, जिनके नाम 2002 की वोटर लिस्ट में हैं, उन्हें एसआईआर प्रक्रिया में वैध वोटर माना जाएगा।
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