क्या पेरियासामी से संबंधित ठिकानों पर ईडी की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है?

सारांश
Key Takeaways
- डीएमके ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
- पेरियासामी ने पहले ही जांच में सहयोग किया है।
चेन्नई, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने मंत्री आई. पेरियासामी से जुड़े ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि ये छापे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा डीएमके के खिलाफ एक राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि पेरियासामी ने 2006-2011 की डीएमके सरकार में आवास बोर्ड मंत्री के रूप में अपनी भूमिका के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति से जुड़ी एक जांच में ईडी की मदद की थी।
डीएमके नेता ने ईडी की अचानक छापेमारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका उद्देश्य डीएमके की छवि को धूमिल करना और 'वोट चोरी' के मुद्दे से जनता का ध्यान हटाना है। जब भाजपा के पास मुद्दे नहीं होते, तो वह इस तरह के हथकंडे अपनाती है।
आरएस भारती ने विश्वास जताया कि डीएमके कानून का पालन करती रहेगी और डर के बिना ऐसी राजनीति से प्रेरित कार्रवाइयों का सामना करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की विश्वसनीयता पर चिंता जताई है और कहा है कि पिछले 10 वर्षों में एजेंसी ने 5,300 मामले दर्ज किए हैं, लेकिन केवल 40 मामलों में ही दोषसिद्धि हो पाई है। इससे जनता के बीच एजेंसी की विश्वसनीयता पर संदेह उत्पन्न हुआ है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने यह भी सवाल उठाया है कि ईडी का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए क्यों किया जा रहा है और बिना सबूत के आरोप लगाने के लिए एजेंसी की आलोचना की है।
अवैध धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार सुबह से ही तमिलनाडु के मंत्री आई. पेरियासामी और उनके बेटे एमए. सेंथिलकुमार से जुड़े कई ठिकानों पर गहन तलाशी की कार्रवाई शुरू की। चेन्नई, मदुरै और डिंडीगुल सहित कई जिलों में पेरियासामी से जुड़े ठिकानों पर तलाशी की गई।