क्या कोई लीडरशिप के खिलाफ काम करेगा तो हम चुप बैठेंगे? ईपीएस ने बागियों को दी चेतावनी

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क्या कोई लीडरशिप के खिलाफ काम करेगा तो हम चुप बैठेंगे? ईपीएस ने बागियों को दी चेतावनी

सारांश

एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोत्तैयान को बाहर करने के फैसले का जिक्र करते हुए चेतावनी दी है कि जो भी लीडरशिप के खिलाफ काम करेगा, उसे उसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई को सही ठहराया है।

Key Takeaways

  • पार्टी अनुशासन: पलानीस्वामी ने पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • बागियों पर कार्रवाई: बागियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
  • पार्टी हित: संगठन के हितों के खिलाफ काम करने वालों को चेतावनी दी गई है।

चेन्नई, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने शनिवार को वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोत्तैयान को पार्टी से बाहर करने के निर्णय को सही ठहराया। उन्होंने सेंगोत्तैयान को डीएमके की "बी टीम" का हिस्सा बताया और आरोप लगाया कि वह कई महीनों से पार्टी के हितों के खिलाफ कार्य कर रहे थे।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि सेंगोत्तैयान ओ पनीरसेल्वम और टीटीवी दिनाकरन जैसे निकाले गए सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा, "उन्हें कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने संगठन की बातों को मानने से इनकार कर दिया और उन लोगों का साथ देते रहे जो खुलेआम एआईएडीएमके को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। जो भी लीडरशिप के खिलाफ काम करेगा, उसका भी यही हाल होगा—हम चुप नहीं बैठेंगे।"

ईपीएस ने आरोप लगाया कि सेंगोत्तैयान ने जानबूझकर पार्टी के कार्यक्रमों और नेताओं को बदनाम करने की कोशिश की।

पलानीस्वामी ने कहा, "उन्होंने झूठा दावा किया कि एक पार्टी कार्यक्रम में जयललिता की फोटो गायब थी। आयोजकों ने मामला स्पष्ट किया, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। बाद में, साइकिल बांटने के एक सरकारी फंक्शन में, उन्होंने हिस्सा लिया, जबकि बैनरों पर दिवंगत एम. करुणानिधि और एम.के. स्टालिन की तस्वीरें थीं, लेकिन हमारे संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन और अम्मा (जयललिता) की तस्वीरें नहीं थीं। तब यह स्पष्ट हो गया कि वह डीएमके की बी-टीम की तरह कार्य करने लगे हैं।"

उन्होंने सेंगोत्तैयान पर जयललिता के निकाले गए लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध रखने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "पिछले छह महीनों से, वह खुलेआम एआईएडीएमके के खिलाफ काम कर रहे हैं। वह उन लोगों के बारे में बात करते रहते हैं जिन्हें अम्मा ने निकाला था, न कि उन लोगों के बारे में जिन्होंने खुद पार्टी छोड़ी। उनके साथ जुड़ना धोखे से कम नहीं है।" पलानीस्वामी ने दोहराया कि टीटीवी दिनाकरन को एआईएडीएमके के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा, "दिनाकरन, ओपीएस और सेंगोत्तैयान जैसे लोग मिलकर 2026 में डीएमके को सत्ता में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। वे डीएमके को वापस लाने का सपना देख रहे हैं, लेकिन तमिलनाडु के लोग ऐसा कभी नहीं होने देंगे।"

एआईएडीएमके के महासचिव ने कहा कि पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई उचित और आवश्यक थी।

उन्होंने कहा, "जब कोई पार्टी के साथ धोखा करता है, तो हम चुप नहीं रह सकते। एआईएडीएमके किसी की निजी संपत्ति नहीं है - यह उन लाखों कार्यकर्ताओं की है जिन्होंने इस आंदोलन के लिए बलिदान दिया है।"

Point of View

एआईएडीएमके के महासचिव के. पलानीस्वामी की कार्रवाई उनकी पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रतीत होती है। हालांकि, पार्टी के भीतर चल रही आंतरिक कलह और बागी नेताओं के साथ उनकी बातचीत, पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। यह देखना होगा कि तमिलनाडु के लोग इस घटनाक्रम को किस तरह से लेते हैं।
NationPress
01/11/2025

Frequently Asked Questions

ईपीएस ने सेंगोत्तैयान को क्यों निकाला?
ईपीएस ने सेंगोत्तैयान को पार्टी हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए निकाला।
क्या ईपीएस की चेतावनी का कोई प्रभाव पड़ेगा?
यह देखना होगा कि पार्टी के अन्य सदस्य इस चेतावनी को कैसे लेते हैं और क्या वे अनुशासन का पालन करते हैं।
एआईएडीएमके का भविष्य क्या होगा?
यदि आंतरिक विवादों का समाधान नहीं होता है, तो पार्टी की स्थिति कमजोर हो सकती है।