क्या गांधीनगर में एसीबी ने 30 लाख रुपए की रिश्वत लेते दो सीआईडी कर्मियों को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- एसीबी ने 30 लाख रुपए की रिश्वत लेते दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया।
- इस घटना ने पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है।
- पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गांधीनगर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात की गांधीनगर में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सीआईडी क्राइम विभाग के दो पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले में कार्रवाई न करने के बदले शिकायतकर्ता और उसके मित्र से 30 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में पीआई पी के पटेल और कांस्टेबल विपुल बाबुभाई देसाई शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने इस मामले की जांच के दौरान एक योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और आरोपियों को रंगेहाथ पकड़ लिया।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपी पुलिसकर्मी सीआईडी क्राइम विभाग में तैनात थे और एक मामले की जांच के दौरान उन्होंने शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी।
एसीबी ने उन्हें 30 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। एसीबी की यह कार्रवाई पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ा संदेश देती है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ी हैं।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद, पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि सीआईडी के दो पुलिसकर्मी एक मामले को लेकर उनको परेशान कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने उनसे कहा है कि अगर मामले को खत्म करना चाहते हो तो 30 लाख रुपए देने होंगे, ऐसा नहीं करने पर जेल भेजा जा सकता है। इसकी सूचना जैसी ही हम लोगों को लगी, हमने दोनों पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी आ सकते हैं। इसको लेकर दोनों पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जा रही है, जल्द ही इसमें शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, और अभी तक इन लोगों ने किस-किस मामले में पैसे लिए हैं, इसकी जांच की जा रही है।