क्या 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' पॉलिसी का पालन कड़ाई से किया जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- नो हेलमेट, नो फ्यूल पॉलिसी का पालन अनिवार्य किया जाएगा।
- अधिकारियों को ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधारात्मक कार्यवाही का निर्देश दिया गया है।
- हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध कराने की योजना है।
- सड़क सुरक्षा सभी के लिए एक सामूहिक जिम्मेदारी है।
गौतमबुद्ध नगर, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। सड़क दुर्घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने, मृत्यु दर को कम करने और यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी मंगलेश दुबे ने कहा कि जन सामान्य को यातायात नियमों का पालन कराने के लिए सड़क सुरक्षा एक अत्यंत आवश्यक कार्यक्रम है। सभी संबंधित विभागीय अधिकारी इसे गंभीरता से लेकर आपसी समन्वय स्थापित कर अपनी कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में पेट्रोल पंप संचालकों से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' पॉलिसी का सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित करें। यदि कोई पेट्रोल पंप संचालक हेलमेट के बिना दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल देता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिया कि नियमित रूप से अभियान चलाकर अवैध स्टैंड, पार्किंग, ओवरस्पीड, ओवरलोड वाहन और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही, अधिकारियों को जनपद में मौजूद ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उनके समाधान के लिए कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
अपर जिलाधिकारी ने एआरटीओ से कहा कि हिट एंड रन मामलों के संबंध में गठित कमेटी के माध्यम से सभी प्रकरणों की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि पीड़ितों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. उदित नारायण पांडेय, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।