क्या गाजियाबाद में केएफसी आउटलेट को बंद करने के मामले में पुलिस ने 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की?

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क्या गाजियाबाद में केएफसी आउटलेट को बंद करने के मामले में पुलिस ने 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की?

सारांश

गाजियाबाद में केएफसी आउटलेट के बंद होने पर विवाद बढ़ गया है। प्रदर्शनकारियों ने नॉनवेज बेचने का आरोप लगाते हुए जबरन बंद कराया। पुलिस ने 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। क्या यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है? जानें पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • गाजियाबाद पुलिस ने 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
  • प्रदर्शनकारियों ने केएफसी आउटलेट को धार्मिक कारणों से बंद कराया।
  • आरोप है कि sawan महीने में नॉनवेज बेचा जा रहा था।
  • प्रदर्शन ने क्षेत्र में यातायात को बाधित किया।
  • पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गाजियाबाद, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गाजियाबाद पुलिस ने इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में केएफसी आउटलेट को बंद कराने के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस ने इस मामले में लगभग 10 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सावन के महीने में नॉनवेज बेचने का आरोप लगाते हुए कुछ युवकों ने गुरुवार को केएफसी आउटलेट को कथित रूप से जबरन बंद कर दिया था।

शिकायत के अनुसार, इंदिरापुरम के वसुंधरा सेक्टर-11 में गुरुवार को 'हिंदू रक्षा दल' के कुछ कार्यकर्ता कथित तौर पर केएफसी आउटलेट में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सावन महीने में केएफसी आउटलेट में नॉनवेज बेचा जा रहा था।

प्रदर्शनकारियों ने 'सावन में मीट नहीं बेचने देंगे' के नारे लगाते हुए केएफसी आउटलेट को बंद कर दिया। इन कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से कर्मचारियों को भी धमकाया। हालाँकि, इसके बाद ये प्रदर्शनकारी सड़क पर आ गए थे।

आरोपितों के प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में राहगीरों और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे कुछ समय के लिए ट्रैफिक जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो गई। इस घटना की सूचना उपनिरीक्षक अंकुर सिंह राठौर ने दर्ज कराई।

एफआईआर के अनुसार, उपनिरीक्षक को सूचना मिली कि वसुंधरा सेक्टर-11 में केएफसी आउटलेट खुला देखकर कुछ अज्ञात लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उपनिरीक्षक अमित कुमार चौहान और कांस्टेबल सुखवीर सिंह के साथ मौके पर पहुँचने पर यह स्पष्ट हुआ कि प्रदर्शन से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और यातायात बाधित था।

तहरीर में बताया गया कि यह विरोध प्रदर्शन स्पष्ट रूप से प्रशासन के आदेश का उल्लंघन है, जो कांवड़ यात्रा और सावन महीने की धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया था।

वर्तमान में पुलिस ने 8 से 10 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अज्ञात में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

इंदिरापुरम के सहायक पुलिस आयुक्त अभिषेक श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, "सभी आरोपी लड़कों को पहचानने का काम किया जा रहा है। पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में अग्रिम वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।"

Point of View

मेरा मानना है कि इस तरह के प्रदर्शन हमेशा से संवेदनशील मुद्दों से जुड़े होते हैं। हमें यह समझना होगा कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है, लेकिन साथ ही, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और व्यापार के अधिकारों को भी ध्यान में रखना चाहिए। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या केएफसी आउटलेट को बंद करने की घटना सही है?
यह घटना धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है, लेकिन इसे कानून के दायरे में रहकर ही सुलझाना चाहिए।
पुलिस ने कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है?
पुलिस ने 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
प्रदर्शनकारियों ने क्या आरोप लगाया?
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सावन महीने में नॉनवेज बेचा जा रहा था।
क्या प्रदर्शन ने ट्रैफिक को प्रभावित किया?
हाँ, प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में यातायात बाधित हुआ।
पुलिस का अगला कदम क्या होगा?
पुलिस सभी आरोपियों को पहचानने और कार्रवाई करने की प्रक्रिया में है।