क्या ग्रेटर नोएडा में कूड़ा प्रबंधन के उल्लंघन पर सख्ती की गई?

सारांश
Key Takeaways
- कूड़ा प्रबंधन के नियमों का पालन करें।
- निर्धारित समय में जुर्माना जमा करें।
- स्वच्छता सभी का कर्तव्य है।
- गंदगी से बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
- प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें।
ग्रेटर नोएडा, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के चलते, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निरंतर कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयासरत है। इसी संदर्भ में शुक्रवार को प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेक्टर पाई में स्थित एल्डिको ग्रीन मिडोज सोसायटी और सेक्टर स्वर्णनगरी की पारस प्लैटिनम सोसायटी का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के अंतर्गत कूड़ा निस्तारण व्यवस्था की जांच की गई। एल्डिको ग्रीन मिडोज सोसायटी में कचरे का निस्तारण अपेक्षाकृत संतोषजनक पाया गया है। यहाँ गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा किया जा रहा है और उनका उचित निपटान किया जा रहा है।
हालांकि, प्राधिकरण द्वारा पहले लगाए गए जुर्माने की राशि सोसायटी द्वारा अब तक नहीं जमा की गई थी। इस पर प्राधिकरण की टीम ने सोसायती प्रबंधन को कड़ी चेतावनी देते हुए आदेश दिया कि वे सात दिनों के भीतर जुर्माने की राशि जमा करें, अन्यथा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके विपरीत, पारस प्लैटिनम सोसायटी में कूड़ा प्रबंधन की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि यहाँ गीले और सूखे कचरे को अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रबंधन किया जा रहा था।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के उल्लंघन के कारण प्राधिकरण ने सोसायटी पर 36 हजार रुपए का तत्काल जुर्माना लगाया। साथ ही, सोसायटी के अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन को निर्देश दिया गया कि वे निर्धारित नियमों के अनुसार कचरे का निस्तारण करें और निवासियों को इस विषय में जागरूक करें।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने निवासियों और सोसायटी प्रबंधकों से अपील की है कि वे स्वच्छता को केवल सरकार की जिम्मेदारी न समझें बल्कि इसे अपना नैतिक कर्तव्य मानें। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने के लिए सभी नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है। यदि सभी सोसायटियां निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार कूड़ा प्रबंधन करें, तो न केवल पर्यावरण स्वच्छ रहेगा बल्कि बीमारियों में भी कमी आएगी।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि ऐसे निरीक्षण अभियान निरंतर जारी रहेंगे और जो भी सोसायती या संस्थान कूड़ा प्रबंधन के नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ आर्थिक जुर्माने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।