क्या ग्रेटर नोएडा में शिवरात्रि पर बारिश ने भक्तों का उत्साह बढ़ाया?

सारांश
Key Takeaways
- शिवरात्रि पर भक्तों की भारी संख्या ने धार्मिक उत्सव को जीवंत बना दिया।
- बारिश ने भक्तों के मनोबल को और ऊँचा किया।
- पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए।
- मौसम विभाग की चेतावनी ने श्रद्धालुओं को सावधान किया।
- कांवड़ यात्रा में भक्तों की सुरक्षा प्राथमिकता रही।
ग्रेटर नोएडा, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सावन महीने की शिवरात्रि के महापर्व पर पूरे देश के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही श्रद्धालु गंगाजल, बेलपत्र और धतूरा लेकर 'हर हर महादेव' के नारों के साथ जलाभिषेक के लिए कतारों में खड़े नजर आए। बारिश ने मौसम को और भी सुहावना बना दिया, जिससे भक्तों का उत्साह और बढ़ गया। कांवड़ यात्रियों और श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार 23 से 28 जुलाई तक लगातार बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। 23 जुलाई को दिनभर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई थी, हालांकि किसी भी प्रकार की विशेष चेतावनी नहीं दी गई।
24 से 27 जुलाई तक बारिश के साथ गरज की संभावना है, और 28 जुलाई को हल्की बारिश या बौछारें हो सकती हैं। मौसम विभाग ने इन दिनों के लिए "नो वॉर्निंग" जारी की है। साथ ही, शिवरात्रि और सावन के अवसर पर गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, जिनका नेतृत्व पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. राजीव नारायण मिश्र, और डीसीपी साद मियां खान कर रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा जोन में पुलिस अधिकारी लगातार कांवड़ यात्रा रूट पर भ्रमण कर रहे हैं। मार्गों पर बने शिविरों में साफ-सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की नियमित जांच की जा रही है। साथ ही कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों के जरिए पूरे रूट की निगरानी भी की जा रही है।
पुलिस अधिकारी न केवल व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं, बल्कि कांवड़ शिविरों में विश्राम कर रहे श्रद्धालुओं से मिलकर उनकी कुशलक्षेम भी पूछ रहे हैं और उनका उत्साहवर्धन कर रहे हैं। यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए रूट डायवर्जन और ट्रैफिक कंट्रोल की प्रभावी योजना लागू की गई है ताकि किसी श्रद्धालु को असुविधा न हो और वे सकुशल अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।