क्या पीएम मोदी बापू के स्वच्छ भारत के स्वप्न को साकार कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
- हर नागरिक का स्वच्छता अभियान में योगदान जरूरी है।
- सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता कार्यक्रमों में भाग लें।
- एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग से बचें।
- स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ें।
बनासकांठा, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के स्वच्छता ही सेवा 'स्वच्छोत्सव' अभियान 2025 के अंतर्गत गुजरात के ग्रामीण विकास मंत्री राघवजी पटेल ने पालनपुर तालुका के रूपपुरा गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर श्रमदान किया और ग्रामीणों से बातचीत की। इस अवसर पर मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि स्वच्छता ही सच्ची भक्ति है और यह हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है।
उन्होंने सभी नागरिकों से इस अभियान में भाग लेकर श्रमदान करने का आह्वान किया ताकि स्वच्छ भारत, स्वच्छ गुजरात, स्वच्छ गांव के संकल्प को साकार किया जा सके।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूज्य बापू के स्वच्छ भारत के स्वप्न को साकार कर रहे हैं। देश स्वच्छता की ओर अग्रसर है, ऐसे में प्रत्येक नागरिक को इस अभियान से जुड़कर अपने घर, गांव और शहर को स्वच्छ रखना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य भर में स्वच्छता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्रमदान के माध्यम से अधिक से अधिक लोग इस प्रयास से जुड़ेंगे।
मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि हर वर्ष की तरह भारत सरकार महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 17 सितंबर से 31 अक्टूबर तक 'स्वच्छता ही सेवा-2025' पखवाड़ा मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुआ यह अभियान घर-घर पहुंच गया है। अबतक प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 44 करोड़ घरों में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण हो चुका है। गुजरात को आज खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन, जिसके इस वर्ष 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसके अंतर्गत 'स्वच्छोत्सव' के रूप में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक नागरिक को इस अभियान के मुख्य संदेश 'एक दिन-एक घंटा-एक साथ' को अपनाकर अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए।
इस दौरान मंत्री राघवजी ने रूपपुरा के ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें स्वच्छता पर विशेष जोर देने का आह्वान किया। इसके साथ ही मंत्री ने उपस्थित लोगों को एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से बंद करने, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाने, कूड़े के ढेर हटाने और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।