क्या नेपाल में चुनाव को लेकर पीएम सुशीला कार्की ने शीर्ष नेताओं से की बातचीत?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने नेताओं से पहली बार सीधी बातचीत की।
- बैठक का उद्देश्य चुनावी माहौल को बेहतर बनाना है।
- सभी दल चुनावों में भाग लेने के लिए सहमत हैं, लेकिन सुरक्षा की चिंता बनी हुई है।
- सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधि सभा की बहाली के लिए याचिकाएं दायर हुई हैं।
- सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
काठमांडू, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शनिवार को देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक अगले साल 5 मार्च को होने वाले संसदीय चुनावों के संदर्भ में आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला अवसर था, जब सुशीला कार्की ने सीधे तौर पर इन नेताओं से संवाद किया।
इस बैठक में नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के समन्वयक पुष्प कमल दहल शामिल हुए। ये नेता पहले भी देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इससे पूर्व, मंगलवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की पहल पर इन नेताओं की एक बैठक हुई थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्की के साथ यह उनकी पहली सीधी मुलाकात थी।
यह बैठक उस समय हुई है जब नेपाल की राजनीति में तनाव का माहौल बना हुआ है। यूएमएल और नेपाली कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों ने कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता व्यक्त की है। कुछ नेताओं ने भंग की गई प्रतिनिधि सभा की पुनर्स्थापना की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की हैं।
बैठक के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने मीडिया से कहा कि सभी राजनीतिक दल मार्च में होने वाले चुनावों में भाग लेने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में चुनावों के लिए उपयुक्त माहौल पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाया है।
सरकार की ओर से जानकारी देते हुए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री तथा सरकार के प्रवक्ता जगदीश खरेल ने बताया कि बैठक में शामिल तीनों नेताओं ने चुनाव में भाग लेने की सहमति दी है।
उन्होंने आगे कहा कि यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने भी चुनाव में जाने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन साथ ही उन्होंने बेहतर और सुरक्षित चुनावी माहौल बनाने पर जोर दिया।
खरेल ने कहा कि प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने नेताओं को आश्वासन दिया है कि सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करेगी। उल्लेखनीय है कि खरेल ने शुक्रवार को भी इन तीनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की थी।
यूएमएल लगातार सरकार की मंशा पर सवाल उठाता रहा है और आरोप लगाता रहा है कि मौजूदा सरकार संविधान के खिलाफ बनी है। वहीं, नेपाली कांग्रेस ने अपनी केंद्रीय कार्यसमिति के माध्यम से चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया है, लेकिन वह भी बेहतर चुनावी माहौल की मांग कर रही है।
दूसरी ओर, विभिन्न वामपंथी दलों के विलय से बनी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी समय पर चुनाव कराने की वकालत कर रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, सुशीला कार्की ने सभी नेताओं की चुनाव में भागीदारी की प्रतिबद्धता का स्वागत किया और दोहराया कि सरकार स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।