क्या हरियाणा के भिवानी में शिक्षिका मनीषा का मामला सीबीआई जांच के लिए सौंपा गया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की जांच जल्द शुरू होगी।
- पोस्टमार्टम में कई सवाल उठाए गए हैं।
- मनीषा के गले पर कट का निशान पाया गया।
- हरियाणा में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
- अनुराग ढांडा ने सरकार पर आरोप लगाए हैं।
भिवानी, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के भिवानी जिले में 8 दिन पहले खेतों में मृत पाई गई 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा के मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच सौंप दी है। गुरुवार को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने जानकारी दी कि सीबीआई जल्द ही इस मामले की जांच आरंभ करेगी।
मनीषा का अंतिम संस्कार गुरुवार को उसके गांव में किया गया, जबकि यह हत्याकांड के लगभग 8 दिन बाद हुआ। मनीषा का तीसरा पोस्टमार्टम दिल्ली के एम्स में किया गया था, क्योंकि उसके परिवार और ग्रामीणों ने पिछले पोस्टमार्टम पर संदेह व्यक्त किया था। रिपोर्ट के अनुसार, मनीषा के गले पर कट का निशान पाया गया। दिल्ली एम्स में पोस्टमार्टम के बाद उसका शव उसके गांव लाया गया, जहां सुरक्षा कारणों से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी जांचें पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक स्तर पर चल रही हैं, जिसमें समय लगता है। उन्होंने कहा कि मनीषा के जहर खाने या किसी अन्य तरीके से उसे खिलाने, सीसीटीवी और सुसाइड नोट से जुड़े सवालों की जांच सीबीआई करेगी, ऐसे में कोई खुलासा पुलिस नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, "इन सभी तथ्यों को सीबीआई पर छोड़ देना ही बेहतर है। अगर लड़ाई के कोई निशान नहीं हैं, तो यह आत्म-सेवन का संकेत हो सकता है। नाखूनों पर किए गए डीएनए परीक्षण में कोई लड़ाई के निशान नहीं मिले। ये सभी बातें जांच के दौरान सामने आएंगी।"
मनीषा हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने पर आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हरियाणा सरकार कानून व्यवस्था सुधारने में विफल है। हरियाणा देश में नागरिक सुरक्षा के मामले में अंतिम स्थान पर है।
अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि जब लोग हिंसा और हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो इंटरनेट बंद कर दिया जाता है और उनकी आवाज दबाई जाती है। यह नायब सरकार की विफलता है, जिसे छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।