क्या हरियाणा के स्कूलों में आरएसएस का पाठ्यक्रम शामिल किया जा सकता है?

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क्या हरियाणा के स्कूलों में आरएसएस का पाठ्यक्रम शामिल किया जा सकता है?

सारांश

हरियाणा में स्कूलों में आरएसएस के पाठ्यक्रम को शामिल करने की संभावना पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का बयान, जिसमें उन्होंने इसे देश का सौभाग्य बताया है। क्या इससे शिक्षा प्रणाली में बदलाव आएगा? जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर.

Key Takeaways

  • हरियाणा में आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की संभावना।
  • महिपाल ढांडा का यह मानना कि यह देश के लिए एक सौभाग्य होगा।
  • आरएसएस का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण।
  • दिल्ली में आरएसएस के पाठ्यक्रम को लागू करने की योजना।
  • नागरिक शिक्षा में सामाजिक चेतना का विकास।

चंडीगढ़, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के स्कूलों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को पाठ्यक्रम में शामिल करने की संभावनाएं खुल गई हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा है कि यदि बच्चों को इस संगठन के बारे में पढ़ाया जाए, तो यह हमारे देश के लिए सौभाग्य की बात होगी।

महिपाल ढांडा से दिल्ली सरकार के निर्णय के बाद हरियाणा में आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल करने के बारे में सवाल किया गया था।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक गैर-राजनीतिक संगठन है। यह ऐसा संगठन है, जो दुनिया में अन्य किसी ने नहीं किया। आरएसएस व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है।"

उन्होंने आगे कहा, "व्यक्ति निर्माण का कार्य बहुत कठिन और विशिष्ट है। जो व्यक्ति पूर्णता की ओर बढ़ता है और राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से जीवन जीता है, वह ऐसे संगठन और तैयार किए गए लोग देश और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनते हैं।"

इससे पहले, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों को एक नए शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति’ के तहत आरएसएस के बारे में पढ़ाने की योजना बनाई गई थी। यह घोषणा दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने की।

आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्रों को जल्द ही नागरिक शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति’ के तहत आरएसएस और अन्य स्वैच्छिक संगठनों तथा स्वतंत्रता सेनानियों पर पाठ पढ़ाए जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना विकसित करने के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।"

यह घोषणा उस समय हुई जब हाल ही में आरएसएस का शताब्दी वर्ष पूरा हुआ है।

Point of View

शिक्षा में बदलाव आवश्यक है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि पाठ्यक्रम में सभी दृष्टिकोणों को शामिल किया जाए। यह आवश्यक है कि छात्रों को एक समग्र दृष्टिकोण मिले जो उन्हें देश और समाज के प्रति जागरूक बनाए।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या आरएसएस को स्कूलों में पढ़ाना उचित है?
यह विषय विवादास्पद है, लेकिन शिक्षा प्रणाली में विभिन्न दृष्टिकोणों को शामिल करने से छात्रों की सोचने की क्षमता बढ़ सकती है।
आरएसएस का उद्देश्य क्या है?
आरएसएस का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देना है।
क्या यह शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाएगा?
यदि सही तरीके से लागू किया जाए तो यह शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।