क्या जयराम ठाकुर ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की निंदा की?

Click to start listening
क्या जयराम ठाकुर ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की निंदा की?

सारांश

हिमाचल प्रदेश में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। जयराम ठाकुर ने इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस विवाद के पीछे का सच और राजनीति में इसका प्रभाव।

Key Takeaways

  • हिमाचल प्रदेश में एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना हुई।
  • जयराम ठाकुर ने इस पर कड़ी निंदा की है।
  • पार्टी के नेता ने कहा कि यह लोकतंत्र का उल्लंघन है।
  • कानून-व्यवस्था को संभालना सरकार की जिम्मेदारी है।
  • आवाज उठाने पर कार्रवाई निंदनीय है।

धर्मशाला, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने जोरावर में पहुँचकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हुई लाठीचार्ज की घटना की निंदा की है। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पूरी तरह से घबरा गए हैं और ऐसा लगता है कि उनका मानना है कि जो कोई भी उनके या उनकी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएगा, उसे कुचल दिया जाना चाहिए।

भाजपा नेता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज स्थिति ऐसी है कि सरकार का विरोध करने या उसके कार्यों की आलोचना करने पर रोजाना दर्जनों एफआईआर दर्ज की जा रही हैं, क्योंकि सरकार का विरोध करना अब अपराध हो गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विद्यार्थी परिषद ने जोरावर स्टेडियम तक मार्च करने की अनुमति ली थी और इसीलिए वे यहाँ आए थे और ऐसा भी नहीं था कि उनकी कोई गलत मंशा थी। वे बात करना चाह रहे थे, लेकिन उनके ऊपर लाठीचार्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उनका कोई विघटनकारी इरादा नहीं था। लाठीचार्ज में बच्चे घायल हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि जब सदन में मैंने इस मामले को उठाया, तो मुख्यमंत्री ने एकतरफा पक्ष रखा और कहा कि प्रदर्शनकारी बिना अनुमति के आए थे। मैंने उन्हें एसडीएम के द्वारा दी गई अनुमति का कागज दिखाया।

मुख्यमंत्री सदन के अंदर खुलेआम झूठ बोलते हैं, यह कैसी बेशर्मी है। हमने इस घटना की निंदा की है। कानून-व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन लॉ एंड ऑर्डर के नाम पर किसी को कुचलना निंदनीय है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि विरोध की आवाजें कितनी दबाई जा रही हैं। एक लोकतांत्रिक समाज में आलोचना का होना अनिवार्य है। ऐसे में हमें यह सोचना होगा कि क्या हम अपने अधिकारों की रक्षा कर पा रहे हैं।
NationPress
09/12/2025
Nation Press