क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जाम्बिया के 61वें स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दीं और दीर्घकालिक साझेदारी की प्रतिबद्धता जताई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के विदेश मंत्री ने जाम्बिया के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दीं।
- दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता।
- जाम्बिया ने 1964 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की।
- भारत और जाम्बिया के बीच सहयोग के विभिन्न क्षेत्र।
- भारत ने जाम्बिया को विकास सहयोग कार्यक्रम से लाभान्वित किया है।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को जाम्बिया के विदेश मंत्री मुलाम्बो हैम्बे, वहाँ की सरकार और जनता को उनके स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जाम्बिया के स्वतंत्रता दिवस पर विदेश मंत्री मुलाम्बो हैम्बे, सरकार और जनता को हार्दिक बधाई। हम अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
जाम्बिया ने शुक्रवार को अपना ६१वां स्वतंत्रता दिवस मनाया, जो अक्टूबर १९६४ में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से मुक्ति का प्रतीक है। इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस 'शांति और एकता के ६१ वर्ष—एक सुदृढ़ और समृद्ध जाम्बिया का निर्माण' थीम के तहत मनाया गया।
भारत और जाम्बिया के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। भारत ने १९६४ में जाम्बिया की स्वतंत्रता के तुरंत बाद उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। पिछले छह दशकों में जाम्बियाई नेतृत्व ने भारत को एक विश्वसनीय साझेदार और मित्र के रूप में देखा है। यह संबंध आपसी सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर स्थापित हुआ है।
नवंबर २०२४ में भारत और जाम्बिया के बीच मंत्रिस्तरीय संयुक्त स्थायी आयोग का छठा सत्र लुसाका में आयोजित हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
संयुक्त संसदीय समिति ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की, जैसे कि कृषि, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, संस्कृति, आवास एवं शहरी विकास, वित्त, विकास साझेदारी, प्रशिक्षण छात्रवृत्तियों एवं क्षमता निर्माण, रक्षा, खनन, परिवहन एवं संचार, जल विकास एवं स्वच्छता, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जाम्बिया उन कुछ अफ्रीकी देशों में से एक है जिन्हें भारत के विकास सहयोग कार्यक्रम से काफी लाभ हुआ है। भारत ने विभिन्न उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों और आईटीईसी प्रशिक्षण स्लॉट के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं, साथ ही एक्जिम बैंक के क्रेडिट, रेलवे वैगन, बाढ़ एवं सूखा राहत अनुदान/सहायता और ऋण सीमाएं भी उपलब्ध कराई हैं।