क्या इमरान खान की बहन ने अदियाला जेल सुपरिटेंडेंट के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की?
सारांश
Key Takeaways
- अलीमा खान ने अदियाला जेल सुपरिटेंडेंट के खिलाफ याचिका दायर की है।
- इमरान खान को अदियाला जेल में कैद रखा गया है।
- याचिका में आईएचसी के आदेश का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
- कासिम खान ने अपने पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
- यह मामला पाकिस्तान की न्याय प्रणाली पर प्रभाव डाल सकता है।
इस्लामाबाद, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 'हत्या' की 'अफवाह' के बीच, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के प्रमुख की बहन अलीमा खान ने अदियाला जेल के सुपरिटेंडेंट और अन्य के खिलाफ अदालत में अवमानना की याचिका प्रस्तुत की है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, अलीमा खान ने आरोप लगाया है कि अदियाला जेल के सुपरिटेंडेंट ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के उस आदेश का पालन नहीं किया, जिसमें इमरान खान के लिए सप्ताह में दो बार मुलाकात का शेड्यूल बनाने का निर्देश दिया गया था।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने पीटीआई के अन्य सदस्यों के साथ रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर रात भर धरना दिया, जहाँ इमरान खान 2023 से कैद हैं।
अफरीदी को गुरुवार को इमरान खान से मिलने नहीं दिया गया, यह पाकिस्तानी मीडिया द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार है।
याचिका में अलीमा खान ने अदियाला जेल के सुपरिटेंडेंट अब्दुल गफूर अंजुम, सदर बेरोनी स्टेशन हाउस ऑफिस के राजा ऐजाज अजीम, फेडरल इंटीरियर्स सेक्रेटरी कैप्टन (रिटायर्ड) मुहम्मद खुर्रम आगा और पंजाब होम डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी नूरुल अमीन का नाम शामिल किया है।
आईएचसी ने मार्च में आदेश दिया था कि इमरान के लिए मुलाकात का शेड्यूल फिर से शुरू किया जाए। अलीमा खान ने याचिका में आईएचसी के इस आदेश का जिक्र किया है और अवमानना की कार्रवाई की मांग की है।
इमरान खान के बेटे कासिम खान ने सोशल मीडिया पर अपने पिता के जिंदा होने के सबूत मांगे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह हफ्तों से इमरान को पूरी तरह से अलग-थलग रखा गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस स्तर की गोपनीयता उनके पिता की स्थिति को छिपाने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
कासिम ने कहा, "पाकिस्तानी सरकार और उसके आका मेरे पिता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे।" इस मामले में कासिम ने दुनिया के नेताओं, अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों और मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की है।