क्या इमरान मसूद ने सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार पर सही कहा?

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क्या इमरान मसूद ने सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार पर सही कहा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट में एक वकील द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के साथ दुर्व्यवहार का मामला चर्चा में है। इमरान मसूद ने इसे जातिवाद और भेदभाव का उदाहरण बताया है। इस पर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की है और संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है।

Key Takeaways

  • जातिवाद और भेदभाव का मुद्दा गंभीर है।
  • संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।
  • दलितों और मुसलमानों का उत्पीड़न बढ़ रहा है।
  • राजनीतिक नेतृत्व को इस पर ध्यान देना चाहिए।
  • निर्भीक और स्वतंत्र चुनावों की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बी.आर. गवई के साथ किए गए दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ चुका है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस घृणित घटना का कड़ा विरोध करते हुए इसे देश के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज किए जाने की बात कही।

मसूद ने कहा कि जब एक दलित का बेटा सीजेआई है, तो कुछ लोगों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा। उन्होंने इसे जातिवाद और भेदभाव बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि संविधान सभी नागरिकों को अपने धर्म और पहचान के अनुसार जीने की आजादी देता है, लेकिन आज दलित और मुसलमान होना मानो एक अपराध बन गया है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलेगा और संविधान के अंदर सभी के अधिकार सुरक्षित हैं। केवल आपके ही अधिकार नहीं हैं, तो आप सबको अपमानित क्यों कर रहे हैं?

इमरान मसूद ने यह भी कहा कि सनातन धर्म प्रेम और सहिष्णुता का संदेश देता है, लेकिन वर्तमान में कुछ लोग इसके नाम पर नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की।

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल गांधी जनता के लिए काम करते हैं और उन्हें जननायक कहना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी समाज की भलाई और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में काम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में हो रही घटनाओं को लेकर इमरान मसूद ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों को मारा जा रहा है और भेदभाव बढ़ रहा है, वह बहुत दुखद है। मसूद ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल उठाया कि आप देश को किस दिशा में ले जाना चाह रहे हैं? यहां खुलेआम दलितों और मुसलमानों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

वहीं, बिहार चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमिशन बीजेपी के साथ मिली हुई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को निगरानी में लेकर चुनाव करवाने की जरूरत है ताकि सभी नागरिकों को निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान का अधिकार मिल सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा को प्रभावित करती है, बल्कि समाज में व्याप्त जातिवाद और भेदभाव को भी उजागर करती है। हमें एकजुट होकर संविधान की रक्षा करनी चाहिए और सभी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

इमरान मसूद ने सीजेआई के साथ दुर्व्यवहार पर क्या कहा?
इमरान मसूद ने इसे जातिवाद और भेदभाव का उदाहरण बताया और इसे देश के लिए एक काले दिन के रूप में वर्णित किया।
क्या इमरान मसूद ने संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया?
हाँ, इमरान मसूद ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और हमें इसे बनाए रखना चाहिए।