क्या भारतीय तटरक्षक बल को मिला नया फास्ट पेट्रोलिंग जहाज ‘अचल’?

सारांश
Key Takeaways
- समुद्री सुरक्षा में सहायता
- स्वदेशी निर्माण की झलक
- स्थानीय उद्योग को प्रोत्साहन
- जलावतरण का महत्व
- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में सोमवार को एक नया जहाज जुड़ गया है। यह पेट्रोलिंग जहाज, जिसे ‘अचल’ नाम दिया गया है, का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, निगरानी, नियंत्रण और समुद्र में गश्त करना है। इस पोत का विशेष ध्यान अपतटीय परिसंपत्तियों और द्वीपीय क्षेत्रों की सुरक्षा पर होगा।
यह पोत विभिन्न महत्वपूर्ण उपकरणों से सुसज्जित है। ‘अचल’ में स्वदेशी निर्माण की एक बड़ी झलक देखने को मिलती है। इसमें 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। यह पोत 52 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है। इसके वजन की बात करें तो यह 320 टन है। इसमें सीपीपी-आधारित प्रणोदन प्रणाली है, जिसके चलते यह पोत अधिकतम 27 नॉट्स की गति प्राप्त कर सकता है।
भारतीय तटरक्षक बल के लिए इस पोत का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है। यह ‘अचल’ आठ फास्ट पेट्रोल वेसलों की श्रृंखला में पांचवां पोत है। इसका भव्य जलावतरण गोवा में सोमवार को हुआ, जिसमें तटरक्षक कमांडर (पश्चिमी समुद्री क्षेत्र) अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार हरबोला की उपस्थिति में कविता हरबोला ने जलावतरण किया।
यह पोत अमेरिकन ब्यूरो ऑफ शिपिंग और इंडियन रजिस्ट्री ऑफ शिपिंग के तहत सख्त दोहरी श्रेणी प्रमाणन मानकों के अनुरूप डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसके जलावतरण को भारतीय तटरक्षक बल और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के दीर्घकालिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस परियोजना ने 473 करोड़ रुपए की लागत से स्थानीय उद्योग को भी प्रोत्साहन प्रदान किया है। इसमें विभिन्न फैक्ट्रियों और गोवा शिपयार्ड में कार्यरत एमएसएमई को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। इस अवसर पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार उपाध्याय सहित भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, शिपयार्ड और अन्य प्रतिष्ठित अधिकारी उपस्थित थे।