क्या 'बिटर एप्पल' औषधीय गुणों से भरपूर है और त्वचा की देखभाल में मददगार है?

सारांश
Key Takeaways
- इंद्रायण का पौधा अनेक औषधीय गुणों से भरा हुआ है।
- यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है।
- इसे सौंदर्य समस्याओं के लिए भी उपयोग किया जाता है।
- इसका रस और बीज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
- इंद्रायण का सेवन चिकित्सकीय सलाह से करना चाहिए।
नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हमारे देश में प्रकृति हमेशा से चिकित्सा का महत्वपूर्ण साधन रही है। जब औषधियां उपलब्ध नहीं थीं, तब लोग जड़ी-बूटियों के माध्यम से बीमारियों का इलाज करते थे। आज भी देसी नुस्खे लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। इनमें से एक है 'इंद्रायण' का पौधा, जो दिखने में साधारण सा लगता है, लेकिन इसके भीतर अनेक औषधीय गुण छिपे हुए हैं। इसे आयुर्वेद में लंबे समय से औषधियों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसका न केवल फल, बल्कि बीज, पत्ते और जड़ भी कई बीमारियों के उपचार में सहायक होते हैं। इसका फल छोटे तरबूज के जैसा प्रतीत होता है, जिसमें ऊपर सफेद धारियां होती हैं, जो पकने पर पीले रंग की हो जाती हैं। हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके गुण शरीर को अंदर से साफ और मजबूत बनाते हैं।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, इंद्रायण को अंग्रेजी में बिटर एप्पल या सिट्रुलस कोलोसिंथिस कहा जाता है। इसमें कुकुर्बिटासिन, फ्लावोनॉइड्स, पॉलीफेनोल्स और अन्य कई जैविक तत्व होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में सहायता करते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, सूजन को कम करता है, और पेट से संबंधित समस्याओं में लाभकारी होता है। यह प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाता है। वैज्ञानिकों ने भी इस पौधे पर व्यापक अध्ययन किया है और यह सिद्ध किया है कि यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है।
इस पौधे में कई औषधीय गुण हैं, जैसे एंटीऑक्सीडेंट, जो शरीर में विषाक्त तत्वों को हटाने में मदद करता है, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल, जो संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं, एंटी-डायबिटिक, जो रक्त शर्करा को कम करता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी, जो सूजन को घटाता है।
यह पौधा न केवल बीमारियों में, बल्कि सौंदर्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान में भी उस्ताद है। यदि किसी को मुंहासों की समस्या है या बालों में डैंड्रफ हो, तो इसके फल का रस बहुत प्रभावी माना जाता है। मोटापा
महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता आजकल आम हो गई है। इंद्रायण का रस और बीज मिलाकर बनाए गए काढ़े का सेवन करने से यह समस्या धीरे-धीरे ठीक हो सकती है। इसके साथ ही, गठिया के रोगियों को भी इंद्रायण से राहत मिलती है, क्योंकि इसमें सूजन और दर्द को कम करने वाले गुण होते हैं। यदि जोड़ों में सूजन हो या चोट के कारण दर्द हो, तो इसका रस उस हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है।
सांस की समस्याओं, जैसे निमोनिया, में भी इंद्रायण का उपयोग किया जाता है। इसका रस गुनगुने पानी के साथ लेने से खांसी-जुकाम में राहत मिलती है। पेशाब करते समय जलन जैसी समस्या होने पर इसकी जड़ का पाउडर गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से आराम मिलता है। हालाँकि, इसका सेवन किस मात्रा में और कब करना है, इसके लिए चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।