क्या इस सप्ताह वैश्विक घटनाक्रम, जीएसटी सुधार और एफआईआई रुझान दलाल स्ट्रीट की दिशा तय करेंगे?

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क्या इस सप्ताह वैश्विक घटनाक्रम, जीएसटी सुधार और एफआईआई रुझान दलाल स्ट्रीट की दिशा तय करेंगे?

सारांश

इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में वैश्विक घटनाक्रम, जीएसटी सुधार और एफआईआई रुझान महत्वपूर्ण होंगे। क्या ये कारक दलाल स्ट्रीट की दिशा को निर्धारित करेंगे? जानें हालिया घटनाओं का असर और निवेशकों के लिए क्या है खास।

Key Takeaways

  • इस सप्ताह ट्रंप-पुतिन की बैठक से वैश्विक बाजार पर प्रभाव संभव है।
  • प्रधानमंत्री मोदी का जीएसटी 2.0 सुधार निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।
  • विदेशी और घरेलू निवेशकों का रुझान दलाल स्ट्रीट की दिशा तय करेगा।
  • कच्चे तेल की कीमतों में कमी से राहत मिल सकती है।
  • कॉर्पोरेट कदमों से स्टॉक-स्पेसिफिक गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।

मुंबई, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के बाद जब भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह फिर से खुलने जा रहा है, तो यह वैश्विक और घरेलू कारकों के मिश्रित संकेतों से प्रभावित होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बैठक के परिणाम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी सुधारों की घोषणा, अमेरिकी बाजारों की गतिविधियाँ और विदेशी एवं घरेलू निवेशकों की खरीद-बिक्री जैसे कारक दलाल स्ट्रीट की दिशा को प्रभावित करेंगे।

पिछले सप्ताह, निफ्टी और सेंसेक्स ने छह सप्ताह की गिरावट का अंत करते हुए लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार समाप्त किया।

हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बिकवाली जारी रखी और कैश मार्केट में लगभग 10,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।

घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगभग 19,000 करोड़ रुपए की खरीदारी कर बाजार में गिरावट को कम किया। सेक्टर-वाइज, फार्मा और ऑटो शेयरों ने तेजी दिखाई, जबकि एफएमसीजी शेयर पीछे रह गए।

आने वाले सप्ताह के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन संघर्ष पर बनी सहमति है।

शुक्रवार को अलास्का में उनकी बैठक में युद्धविराम की घोषणा नहीं हुई, लेकिन दोनों नेताओं ने प्रगति के संकेत दिए, जिससे वैश्विक स्तर पर बाजार की धारणा को मजबूत किया जा सकता है।

भारत में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी 2.0 सुधारों की घोषणा को निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार दिवाली तक, विशेष रूप से रोजमर्रा की वस्तुओं पर, कर व्यवस्था को और अधिक उपभोक्ता-हितैषी बनाने के लिए प्रमुख दरों में कटौती करेगी। विश्लेषकों का मानना है कि इससे बाजार का विश्वास बढ़ सकता है।

वॉल स्ट्रीट से मिल रहे वैश्विक संकेत भी महत्वपूर्ण रहेंगे। पिछले सप्ताह अमेरिकी बाजार मिले-जुले रहे, जहां डॉव ने हरे निशान में कारोबार समाप्त किया, जबकि मजबूत खुदरा बिक्री आंकड़ों के बावजूद एसएंडपी 500 और नैस्डैक में गिरावट आई।

इसके अलावा, इस सप्ताह 100 से अधिक कंपनियों द्वारा लाभांश, राइट्स इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर जैसे कॉर्पोरेट कदमों के कारण स्टॉक-स्पेसिफिक गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।

विश्लेषकों का कहना है कि एफआईआई और डीआईआई का रुझान महत्वपूर्ण बना रहेगा। कच्चे तेल की कीमतें भी कुछ राहत दे सकती हैं, जो ट्रंप-पुतिन वार्ता के बाद कम हुई थीं।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि भारतीय शेयर बाजार केवल घरेलू कारकों से ही नहीं, बल्कि वैश्विक घटनाक्रमों से भी गहराई से प्रभावित होता है। इस सप्ताह की प्रमुख घटनाएं, जैसे कि ट्रंप-पुतिन की बैठक और जीएसटी सुधार, निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे सकती हैं। हमें हमेशा देश के आर्थिक विकास और निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में क्या प्रमुख घटनाएँ होंगी?
इस सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बैठक, जीएसटी सुधार की घोषणा, और विदेशी निवेशकों के रुझान प्रमुख घटनाएँ होंगी।
क्या एफआईआई का रुझान बाजार को प्रभावित करेगा?
हाँ, एफआईआई का रुझान और उनकी बिकवाली या खरीदारी से बाजार की धारणा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
क्या जीएसटी सुधार से बाजार में सकारात्मकता आएगी?
विश्लेषकों का मानना है कि जीएसटी सुधार से बाजार का विश्वास और उपभोक्ता खर्च बढ़ सकता है।
क्या वैश्विक संकेत भारतीय बाजार को प्रभावित करेंगे?
हां, वॉल स्ट्रीट से मिलने वाले वैश्विक संकेत भारतीय शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण रहेंगे।
इस सप्ताह कौन से सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है?
फार्मा और ऑटो सेक्टर में तेजी देखने की संभावना है, जबकि एफएमसीजी शेयरों में कमजोरी हो सकती है।