क्या इस्तांबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच वार्ता का नया दौर सफल होगा?

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क्या इस्तांबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच वार्ता का नया दौर सफल होगा?

सारांश

क्या इस्तांबुल में होने वाली वार्ता अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार ला सकेगी? जानिए इस वार्ता के संभावित परिणाम और दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने के प्रयासों के बारे में।

Key Takeaways

  • इस्तांबुल में होने वाली वार्ता विश्वास बहाली के अंतिम प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
  • सीमा तनाव पर चर्चा के लिए अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के साथ वार्ता करेगा।
  • पाकिस्तान ने तालिबान पर टीटीपी का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

काबुल/ नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता का अगला दौर गुरुवार को इस्तांबुल में आयोजित किया जाएगा। दोha में हुई वार्ता का दूसरा चरण सफल नहीं रहा था। इसे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के अंतिम प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

अफगानी मीडिया के अनुसार, अब्दुल हक वसीक के नेतृत्व में अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल तुर्की जाएगा ताकि वे पाकिस्तान के साथ वार्ता कर सकें।

खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वसीक का प्रतिनिधिमंडल सीमा तनाव पर चर्चा के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत करेगा। यह शांति वार्ता का तीसरा दौर है, जिसमें तुर्की और कतर दोनों देश तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं।

इससे पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच दोहा और इस्तांबुल में वार्ता हुई थी, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को लेकर मतभेदों के कारण वार्ता का दूसरा दौर बिना किसी प्रगति के समाप्त हो गया।

पाकिस्तान ने बार-बार तालिबान शासन पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का समर्थन करने का आरोप लगाया और अफगानिस्तान से लिखित गारंटी की मांग की कि वह ऐसे समूहों को अपनी धरती पर सक्रिय नहीं होने देगा।

विश्लेषकों का मानना है कि इस्तांबुल में होने वाली वार्ता यह तय कर सकती है कि क्या दोनों देश आपसी विश्वास का पुनर्निर्माण कर सकते हैं और सीमा सुरक्षा व आतंकवाद-रोधी सहयोग को प्रभावी ढंग से निपटा सकते हैं।

पिछले हफ्ते, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार अफगानिस्तान के साथ रिश्ते सुधारना चाहती है, लेकिन सेना इसकी अनुमति नहीं देती।

अफगानिस्तान के 'टोलो न्यूज' ने खैबर टीवी के हवाले से बताया कि मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की सेना के कुछ तत्व दोनों देशों के संबंधों को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डूरंड रेखा पर पाकिस्तान द्वारा सीमाओं को बंद करने से व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि तालिबान के साथ आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी साझा की जाए, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

दूसरी ओर, पाकिस्तानी मीडिया हाउस 'हम' ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान अपने एजेंडे पर कायम रहेगा। पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक अगले दौर की वार्ता में शामिल होने की उम्मीद है।

Point of View

हमें उम्मीद है कि इस्तांबुल में होने वाली वार्ता पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के तनाव को कम करने में सहायक होगी। दोनों देशों के बीच बातचीत से क्षेत्र में स्थिरता आएगी, जो कि हमारे देश और क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

इस्तांबुल में वार्ता का उद्देश्य क्या है?
इस्तांबुल में वार्ता का उद्देश्य पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा तनाव को कम करना और विश्वास बहाली के प्रयास करना है।
क्या पहले की वार्ता सफल रही थी?
नहीं, पहले की वार्ता दोहा और इस्तांबुल में सफल नहीं रही थी।
कौन-कौन से देश मध्यस्थता कर रहे हैं?
तुर्की और कतर दोनों देश इस वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं।
Nation Press