क्या लाखों श्रद्धालुओं ने महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन किए और मनोकामना पूरी होगी?

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क्या लाखों श्रद्धालुओं ने महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन किए और मनोकामना पूरी होगी?

सारांश

पुरी में लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के स्वर्ण श्रृंगार समारोह में भाग लिया। सांसद संबित पात्रा ने भक्तों की एकता की सराहना की और कहा कि उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। जानिए इस दिव्य अवसर का महत्व और प्रशासन की तैयारियों के बारे में।

Key Takeaways

  • भगवान जगन्नाथ के दर्शन का महत्व
  • श्रद्धालुओं की एकता और सहयोग
  • प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाएं
  • पवित्र रथ यात्रा की तैयारी
  • भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की आस्था

पुरी, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पुरी से भाजपा सांसद संबित पात्रा ने रविवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के स्वर्ण श्रृंगार समारोह के अवसर पर अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की।

संबित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आज महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा अपने भव्य रथों पर श्रीमंदिर के सामने बैठे हैं और स्वर्ण वेश से सुसज्जित हैं। वे भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। तमाम भक्त देशभर के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए हुए हैं।"

उन्होंने कहा कि ओडिशा, भारत और दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु और तीर्थयात्री इस दुर्लभ और पवित्र दर्शन के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी का मानना ​​है कि आज भक्तों द्वारा मांगी गई कोई भी इच्छा महाप्रभु पूरी करेंगे।

डॉ. पात्रा ने प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा, "पूरा प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहा है कि किसी भी भक्त को कोई असुविधा न हो। मैं महाप्रभु के इस दिव्य दर्शन के लिए सबसे पहले उन भक्तों, सेवादारों को दिल से धन्यवाद देता हूं, जो इस आध्यात्मिक आयोजन के दौरान बहुत अनुशासन बनाए हुए हैं।"

उन्होंने पुरी के लोगों की एकता और सहयोग की भावना की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं पुरी के निवासियों को इस शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक उत्सव में योगदान देने के लिए धन्यवाद देता हूं। महाप्रभु सभी को आशीर्वाद दें और सभी का कल्याण करें।"

उल्लेखनीय है कि पुरी में 29 जून को रथयात्रा उत्सव के दौरान हुई भगदड़ के मद्देनजर प्रशासन ने शनिवार को देवताओं की बहुड़ा यात्रा (वापसी यात्रा) की सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी।

इस वर्ष की रथ यात्रा के दौरान 27 जून को उत्सव के पहले दिन रथ बीच में ही फंस गया था। भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ मुश्किल से कुछ मीटर ही आगे बढ़ पाया था।

वहीं, 29 जून को तीनों रथों के श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद भगदड़ मच गई, जिसमें तीन भक्तों की मौत हो गई।

Point of View

बल्कि प्रशासन ने भी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की समृद्धि और एकता का प्रतीक है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भगवान जगन्नाथ के दर्शन कब होते हैं?
भगवान जगन्नाथ के दर्शन मुख्यतः रथ यात्रा के दौरान होते हैं, जो हर वर्ष आयोजित की जाती है।
रथ यात्रा का महत्व क्या है?
रथ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और भगवान जगन्नाथ के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
भगवान जगन्नाथ कौन हैं?
भगवान जगन्नाथ हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण deity हैं, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है।
भगदड़ की घटना पर प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
प्रशासन ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
भक्तों की मनोकामना कैसे पूरी होती है?
श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान जगन्नाथ उनके सभी मनोकामनाओं को सुनते हैं और पूरी करते हैं।