जयपुर अस्पताल हादसा: क्या 8 मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- जयपुर अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की जान गई।
- राज्य सरकार ने 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
- आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।
- परिवारों ने और मुआवजे की मांग की है।
- घटना की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।
जयपुर, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार ने सोमवार को जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम में लगी भीषण आग में जान गंवाने वाले आठ मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
सभी मृतक मरीज थे। प्रारंभिक जांच में आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगने की जानकारी मिली है।
आग न्यूरो आईसीयू से जुड़े स्टोररूम में लगी थी, जहां दस्तावेज, आईसीयू उपकरण और ब्लड सैंपलिंग ट्यूब रखे गए थे। हादसे के समय आईसीयू में 11 मरीजों का इलाज चल रहा था, जबकि 13 मरीज पास के वार्ड में थे।
अस्पताल के नोडल अधिकारी और वरिष्ठ डॉक्टरों ने बताया कि बचाव कार्य तुरंत प्रारंभ किया गया, लेकिन आठ मरीजों को नहीं बचाया जा सका। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए।
घटना के बाद, पीड़ित परिवारों ने 50 लाख रुपए के मुआवजे और प्रत्येक शोकाकुल परिवार के लिए एक सरकारी नौकरी की मांग की।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ और जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परिवारों के बीच सात घंटे तक चर्चा हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार शोकाकुल परिवारों के साथ दृढ़ता से खड़ी है।" घटना के कारणों और जिम्मेदारी के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
हादसे के बाद फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने घटना के बाद ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया और इलाके का निरीक्षण किया तथा निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।