क्या जापान में भीषण गर्मी का प्रकोप है? 19 प्रांतों में हीटस्ट्रोक अलर्ट जारी

सारांश
Key Takeaways
- 19 प्रांतों में हीटस्ट्रोक अलर्ट जारी किया गया है।
- टोक्यो और कनागावा के लिए पहला अलर्ट है।
- तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है।
- अधिकारियों ने एहतियात बरतने की सलाह दी है।
- जापान ने इस वर्ष जून में सबसे गर्म महीना दर्ज किया है।
टोक्यो, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जापान में भीषण गर्मी के कारण रविवार को मौसम विभाग ने देश के 19 प्रीफेक्चर्स (प्रांतों) में हीटस्ट्रोक अलर्ट जारी किया। इस सीजन का पहला अलर्ट टोक्यो और कनागावा के लिए भी घोषित किया गया है।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, पश्चिमी जापान और अन्य हिस्सों में उच्च दबाव प्रणाली का प्रभाव बना हुआ है, जिससे ज्यादातर क्षेत्रों में धूप और अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति रहेगी।
रविवार को पूरे देश में दिन के तापमान में भारी वृद्धि हुई। मिए प्रीफेक्चर के कुओवाना में तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस, आइची प्रीफेक्चर के टोयोटा में 37.9 डिग्री, जबकि गिफू प्रीफेक्चर के ताजिमी, शिज़ुओका के हमामात्सु और यामानाशी के कोफू में 37.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लोग एयर कंडीशनर का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी और नमक लें, और बाहर काम करते समय बार-बार आराम करें।
टोक्यो फायर डिपार्टमेंट के अनुसार, रविवार दोपहर 3 बजे तक राजधानी टोक्यो में 9 से 89 वर्ष के 28 लोगों को हीटस्ट्रोक के लक्षणों के कारण अस्पताल ले जाया गया।
जेएमए ने चेतावनी दी है कि सोमवार को भी तापमान खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है, और लोगों से हीटस्ट्रोक से बचाव के लिए आवश्यक एहतियात बरतने की अपील की गई है।
जापान ने इस वर्ष जून में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, औसत तापमान सामान्य से 2.34 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो 1898 में रिकॉर्ड रखने की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है।
इस बीच, मौसम विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि पश्चिमी और पूर्वी जापान के पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मी और आर्द्रता के कारण वायुमंडलीय स्थिति अस्थिर हो सकती है। इससे कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश, बिजली गिरने, तेज हवाओं और ओलावृष्टि की संभावना है।
अधिकारियों ने इन संभावित खतरों को लेकर सतर्क रहने की अपील की है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, वैश्विक तापमान में वृद्धि और प्रशांत महासागर की उच्च दबाव प्रणाली के प्रभाव के कारण जापान में मानसून सामान्य से पहले समाप्त हो गया है, जबकि आमतौर पर यह जुलाई के मध्य तक रहता है।