क्या जौनपुर पुलिस ने साइबर ठगी के 26.68 लाख रुपए और 106 मोबाइल फोन वापस कराए?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
- जौनपुर पुलिस ने 26.68 लाख रुपए और 106 मोबाइल फोन वापस किए हैं।
- साइबर ठगी के शिकार लोगों को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया गया है।
- पुलिस ने ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए नागरिकों को जागरूक किया।
- आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच का कार्य जारी है।
जौनपुर, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराध और मोबाइल चोरी पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की जौनपुर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के शिकार 8 व्यक्तियों के खातों से निकाले गए कुल 26.68 लाख रुपए वापस कराए हैं। इसके साथ ही 106 गायब और चोरी हुए मोबाइल फोन भी बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाए गए।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने पूरे मामले की जानकारी दी।
एसपी सिटी ने बताया कि बरामद मोबाइल फोन विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, गुजरात, मुंबई, झारखंड, बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से रिकवर किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बरामद फोनों में एप्पल, सैमसंग, वीवो, रेडमी, ओप्पो जैसी प्रमुख कंपनियों के मॉडल शामिल हैं। इन मोबाइल फोनों की पहचान सीआईबी और साइबर टीम की मदद से की गई, जिसके बाद संबंधित थानों में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले मालिकों को फोन वापस सौंपे गए। सारे फोन की कीमत 21 लाख रुपए बताई जा रही है।
एसपी सिटी ने कहा कि साइबर ठगी से संबंधित मामलों में पुलिस ने अक्टूबर माह में दर्ज आठ प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए खातों से निकाली गई रकम को ट्रेस कर बैंक प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ितों को वापस कराया।
आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता साइबर अपराधों को रोकना और लोगों को जागरूक करना है। नागरिकों से अपील की गई कि यदि किसी के साथ ऑनलाइन ठगी होती है, तो वह तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं ताकि रकम को समय रहते फ्रीज कर वापस दिलाया जा सके।
एसपी सिटी ने बताया कि पिछले एक वर्ष में जौनपुर जिले में करीब 2 करोड़ की साइबर ठगी की राशि को पुलिस ने होल्ड कराया है, जिनकी वापसी की प्रक्रिया जारी है। मोबाइल चोरी से जुड़े मामलों में अब तक छह आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है और उनके नेटवर्क की जांच जारी है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इन लोगों ने कैसे खाते के नंबर की जानकारी ली और किस तरह पैसा ट्रांसफर किया था।