क्या जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस होगी? : कांग्रेस

सारांश
Key Takeaways
- जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर राजनीतिक विवाद का हिस्सा है।
- कांग्रेस पार्टी की एकजुटता महत्वपूर्ण है।
- पुलिस की कार्रवाई पर उठाए गए सवाल गंभीर हैं।
- यदि एफआईआर वापस नहीं ली गई, तो कांग्रेस अगली कार्रवाई करेगी।
- यह मामला मध्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
भोपाल, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर कांग्रेस एकजुट है। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा है कि यदि 7 जुलाई तक यह एफआईआर वापस नहीं ली गई, तो 8 जुलाई को कांग्रेस नेता अशोक नगर में गिरफ्तारी देंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुंगावली में पुलिस ने पीड़ित पक्ष की आवाज को दबाने के लिए पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर आरोप लगाया कि वे गृह मंत्री होने के बावजूद प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुधारने में असमर्थ हैं। भाजपा सरकार उन लोगों को बचा रही है जो पाप कर रहे हैं और पीड़ित की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
जयवर्धन सिंह ने कहा कि मुंगावली टीआई और अशोक नगर पुलिस अधीक्षक पर आरोप है कि वे पीड़ित को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि 8 जुलाई तक एफआईआर वापस नहीं ली गई, तो कांग्रेस पूरी तरह से वहां पहुंचेगी और गिरफ्तारी देगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश के लोग जानते हैं कि जीतू पटवारी केवल लोधी समाज के पीड़ित युवा की आवाज को बुलंद करने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा प्रशासन सत्य से डरता है और पीड़ित की मदद कर रहे व्यक्ति को ही फंसाने की कोशिश कर रहा है।
हाल ही में मुंगावली के एक युवक को प्रताड़ित करने के मामले में पटवारी ने पुलिस अधीक्षक से बात की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि संबंधित को मानव मल खिलाया गया। बाद में उसी व्यक्ति ने शपथ पत्र देकर कहा कि जीतू पटवारी ने उसे प्रलोभन दिया था, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।