क्या झारखंड के व्यवसायी ‘हम स्वदेशी सामग्री बेचते हैं’ का बोर्ड लगाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- व्यवसायी ‘हम स्वदेशी सामग्री बेचते हैं’ का बोर्ड लगाएंगे।
- अभियान का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत को सशक्त करना है।
- यह पहल छोटे व्यवसायियों को नई ताकत देगी।
- प्राइम मिनिस्टर मोदी ने स्वदेशी को प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम उठाए हैं।
- राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
रांची, १७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में राज्य के सभी व्यवसायी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ‘हम स्वदेशी सामग्री बेचते हैं’ का बोर्ड लगाने जा रहे हैं। यह विशेष अभियान फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) के आह्वान पर २७ अगस्त से प्रारंभ होगा।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ को प्रोत्साहित करना है। रविवार को रांची में चैंबर भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने एफजेसीसीआई की इस पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘लोकल फॉर वोकल’ का संकल्प अब वास्तविकता में परिवर्तित हो रहा है।
संजय सेठ खुद एफजेसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह देश का पहला चैंबर है, जिसने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में ठोस कदम उठाया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि २७ अगस्त को वह स्वयं स्टिकर लॉन्च करेंगे और दुकानों पर जाकर व्यापारियों को इस पहल के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रेस वार्ता में उपस्थित एफजेसीसीआई के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने जानकारी दी कि राज्यभर के व्यापारी २७ अगस्त से अपने प्रतिष्ठानों पर बोर्ड लगाना शुरू करेंगे। उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि व्यापारी वर्ग देश की रीढ़ है और जब भी राष्ट्र को आवश्यकता पड़ी है, व्यापारियों ने आगे आकर योगदान दिया है। यह पहल छोटे व्यवसायियों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी और झारखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।
राज्यसभा के पूर्व सांसद और एफजेसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष महेश पोद्दार ने व्यापारियों से स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि स्वदेशी को प्रोत्साहन देने के लिए पीएम मोदी ने जीएसटी दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे व्यापार और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।
एफजेसीसीआई के सह सचिव विकास विजयवर्गीय ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर न केवल व्यापार सशक्त होगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा भी मिलेगी।