क्या झारखंड में 2003 की वोटर लिस्ट पर एसआईआर की तैयारी हो रही है?

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क्या झारखंड में 2003 की वोटर लिस्ट पर एसआईआर की तैयारी हो रही है?

सारांश

झारखंड में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत 2003 की वोटर लिस्ट के आधार पर मतदाताओं की पैतृक मैपिंग शुरू की जा रही है। यह प्रक्रिया मतदाता पहचान को आसान बनाने के लिए की जा रही है, जिसमें सभी संबंधित अधिकारियों को शामिल किया जा रहा है।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण शुरू हुआ।
  • पैतृक मैपिंग के लिए वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग।
  • कैंपों में बीएलओ की उपस्थिति सुनिश्चित करना।
  • हाई स्पीड इंटरनेट और कंप्यूटर ऑपरेटरों की उपलब्धता।
  • ईसीआईनेट की सुविधाओं का प्रचार-प्रसार।

रांची, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान से पहले मतदाताओं की पैतृक मैपिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट को आधार माना गया है। मौजूदा मतदाताओं के नाम का मिलान इस वोटर लिस्ट से किया जाएगा।

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने गुरुवार को सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों और हेल्प डेस्क मैनेजरों के साथ एक समीक्षा सह प्रशिक्षण बैठक की। उन्होंने कहा कि पैतृक मैपिंग इसीलिए कराई जा रही है ताकि मतदाताओं को एसआईआर के दौरान न्यूनतम दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ें।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर पैतृक मैपिंग के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएं। इन कैंपों में संबंधित मतदान केंद्रों के सभी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि बीएलओ वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची के मतदाताओं की भौतिक रूप से मैपिंग करें और सभी सत्यापित आंकड़े बीएलओ ऐप पर अपलोड करें।

के रवि कुमार ने कहा कि कैंप स्थलों पर हाई स्पीड इंटरनेट और पर्याप्त संख्या में कंप्यूटर ऑपरेटरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसे एसआईआर अभियान के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ईसीआईनेट पोर्टल पर उपलब्ध 'बुक ए कॉल विथ बीएलओ' सुविधा की समीक्षा करते हुए कहा कि इस सुविधा के तहत मतदाता अपने बीएलओ से ऑनलाइन संपर्क कर सकते हैं, लेकिन राज्य में इस पर बीएलओ का रिस्पॉन्स कम देखा जा रहा है।

उन्होंने निर्देश दिया कि इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और प्राप्त कॉल्स पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो। समीक्षा बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज ठाकुर, अवर निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार सहित सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर और हेल्प डेस्क मैनेजर ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।

--आईईएएनएस

एसएनसी/डीकेपी

Point of View

यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल है। यह चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा और मतदाता के अधिकारों की सुरक्षा करेगा।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची का पुनरीक्षण क्यों किया जा रहा है?
मतदाता सूची का पुनरीक्षण इसलिए किया जा रहा है ताकि मतदाता पहचान को सटीक और अद्यतन किया जा सके।
पैतृक मैपिंग में क्या शामिल होगा?
पैतृक मैपिंग में वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट के आधार पर मौजूदा मतदाताओं के नामों का मिलान किया जाएगा।
यह प्रक्रिया कब शुरू हुई?
यह प्रक्रिया 30 अक्टूबर 2023 को शुरू की गई है।