क्या कफ सिरप विवाद के पीछे सच्चाई है? कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राज्य सरकार से न्यायिक जांच की अपील की

सारांश
Key Takeaways
- सचिन पायलट ने न्यायिक जांच की मांग की है।
- राज्य सरकार ने कहा कि कफ सिरप के कारण कोई मौतें नहीं हुईं।
- दवा की चार बार जांच की गई है।
दौसा, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने राजस्थान की भजनलाल सरकार पर कफ सिरप के मामले को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यह सिरप बाजार में कैसे पहुंचा और इसके प्रमोटरों की पहचान की जानी चाहिए। इसके साथ ही दवाई के निर्माता को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
सचिन पायलट ने यह भी जोर दिया कि यह जानना आवश्यक है कि क्या कफ सिरप के प्रमोटर पहले से ही ब्लैक लिस्टेड थे या नहीं। सरकार को इस मामले की उच्च स्तरीय और न्यायिक जांच करानी चाहिए, ताकि सही तथ्य सामने आ सकें। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
इससे पहले, राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा था कि कफ सिरप के कारण किसी भी तरह की मौतें नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि एक समिति का गठन कर मामले की जांच की गई है और इसमें ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया। एक बार फिर इस मामले की जांच की जा रही है।
चिकित्सा मंत्री ने यह भी कहा कि ड्रग कंट्रोलर और दवा खरीदने वाली कंपनी आरएमएससीएल ने मिलकर दवा की दो बार जांच की है। जांच में कोई जानलेवा तत्व नहीं पाया गया है। इसके अलावा, दवा की मैन्युफैक्चरिंग के समय भी कंपनी ने दवा की जांच की है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौत का जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि कफ सिरप के फॉर्मूले की जांच की गई है और इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि कफ सिरप के कारण कोई मौत नहीं हुई है।