क्या भाषा विवाद के चलते आत्महत्या करने वाले छात्र के परिजनों से अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने बात की?

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क्या भाषा विवाद के चलते आत्महत्या करने वाले छात्र के परिजनों से अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने बात की?

सारांश

कल्याण में एक छात्र की आत्महत्या ने भाषा विवाद को एक नया मोड़ दिया है। उपमुख्यमंत्रियों ने परिवार से बात की और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। क्या यह घटना महाराष्ट्र के लिए एक चेतावनी है?

Key Takeaways

  • अर्णव खैरे की आत्महत्या ने भाषा विवाद को उजागर किया है।
  • सरकार ने न्याय का आश्वासन दिया है।
  • भाषा के मुद्दे पर समाज में सहिष्णुता की आवश्यकता है।
  • इस घटना ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता को दर्शाया है।

मुंबई, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के कल्याण में एक 19 वर्षीय छात्र ने भाषा विवाद के कारण आत्महत्या कर ली है, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। अर्णव खैरे की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र के दोनों उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने अर्णव के परिवार से फोन पर बातचीत की है।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने इस घटना के बाद अर्णव के परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि सरकार उनके साथ है और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। एकनाथ शिंदे ने वीडियो कॉल के जरिए खैरे परिवार से बात करते हुए आश्वासन दिया कि इस मामले में न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

अर्णव के पिता ने बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री से कहा कि इस घटना के पीछे जो भी लोग हैं, उन पर अवश्य कार्रवाई होनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया कि इस घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अर्णव के साथ मारपीट और अपमान का आरोप है, जो कि एक स्थानीय ट्रेन में मराठी में बात नहीं करने के कारण हुआ। इससे वह तनाव में आ गया और घर लौटने पर उसने आत्महत्या कर ली।

इंटरनेट पर्सनालिटी तहसीन पूनावाला ने कहा कि अर्णव को हिंदी में बात करने के कारण मारा गया। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में भाषा के मुद्दे पर बन रहा माहौल बेहद खतरनाक है और इसके लिए राज ठाकरे और मनसे को जिम्मेदार ठहराया।

महाराष्ट्र में भाषा विवाद लंबे समय से चल रहा है। जुलाई में मीरा रोड में मनसे के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को मराठी नहीं बोलने पर पीटा था, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद विवाद पैदा हुआ था। इस घटना की निंदा की गई थी और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। महाराष्ट्र के सीएम ने कहा था कि महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भाषा विवाद ने एक युवा जीवन को समाप्त कर दिया। यह घटना समाज के लिए एक जागरूकता का विषय है कि हमें एक-दूसरे के साथ सहिष्णुता से रहना चाहिए। हमें न केवल भाषा के मामलों में बल्कि सभी सामाजिक मुद्दों पर एकजुटता से काम करना होगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

अर्णव खैरे ने आत्महत्या क्यों की?
अर्णव खैरे ने भाषा विवाद के कारण आत्महत्या की, जिसमें उसे स्थानीय ट्रेन में मराठी में बात नहीं करने पर अपमानित किया गया।
सरकार ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
सरकार ने अर्णव के परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या यह घटना महाराष्ट्र में किसी बड़े विवाद का संकेत है?
यह घटना बताती है कि महाराष्ट्र में भाषा विवाद एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, जिसे सुलझाने की आवश्यकता है।
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