क्या नर्मदा परिक्रमा मार्ग संकट का मार्ग बन गया है? : कमलनाथ
सारांश
Key Takeaways
- नर्मदा परिक्रमा मार्ग की स्थिति चिंताजनक है।
- सरकार को सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान देना चाहिए।
- कमलनाथ का आग्रह महत्वपूर्ण है।
- यह मार्ग केवल एक सड़क नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक है।
- धार्मिक यात्रा के लिए यह मार्ग अत्यंत आवश्यक है।
भोपाल, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने नर्मदा नदी की परिक्रमा मार्ग की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा मार्ग अब श्रद्धालुओं के लिए संकट का मार्ग बन गया है।
कमलनाथ का कहना है कि इस मार्ग की हालत खरगोन जिले के सनावद क्षेत्र में अत्यंत खराब है। सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि नर्मदा परिक्रमा मार्ग के विकास कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहाँ चलना भी कठिन हो गया है।
नर्मदा परिक्रमा मार्ग के ग्राम अलीबुजुर्ग से टोंकसर के बीच की स्थिति का उल्लेख करते हुए कमलनाथ ने कहा कि संतों और श्रद्धालुओं के लिए टूटी सड़क और गड्ढों से भरे रास्ते उनकी पीड़ा का बखान कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अनुरोध किया है कि नर्मदा परikrama मार्ग की मरम्मत और विकास को तुरंत प्राथमिकता दी जाए, ताकि मां नर्मदा के भक्तों को राहत मिल सके और मां की परिक्रमा सुगम हो सके। यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि आस्था का मार्ग है, जिसे सम्मान मिलना चाहिए।
वास्तव में, मध्य प्रदेश और गुजरात को जोड़ने वाली नर्मदा नदी को देश की सबसे पुण्यदायिनी नदी माना जाता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में संत और श्रद्धालु इस नदी की परिक्रमा करते हैं, और इस पर मार्ग का निर्माण किया गया है।
हाल ही में इस मार्ग के कुछ हिस्सों की हालत चिंताजनक है, और श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर पानी भरा हुआ है और चलना भी आसान नहीं है। कई श्रद्धालु बिना चप्पल या जूते पहने परिक्रमा करते हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई है।