क्या देशभर में कपास खरीद के लिए 550 केंद्र स्थापित किए गए हैं? केंद्रीय मंत्री ने की समीक्षा बैठक

सारांश
Key Takeaways
- 550 खरीद केंद्र की स्थापना से किसानों को लाभ होगा।
- कपास की खरीद प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी।
- किसानों के लिए सेल्फ-रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है।
- सरकार की डिजिटल इंडिया पहल से प्रक्रियाएं सरल होंगी।
- स्थानीय निगरानी समितियां किसानों की मदद करेंगी।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कपास की एमएसपी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दिल्ली में वस्त्र विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य 1 अक्टूबर 2025 से आरंभ होने वाले आगामी खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के दौरान कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के कार्यान्वयन की तैयारियों का मूल्यांकन करना था।
कपास किसानों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आश्वासन दिया कि एमएसपी दिशानिर्देशों के अधीन कपास की सभी खरीद बिना किसी रुकावट के की जाएगी, जिसमें समय पर, पारदर्शी और किसान-केंद्रित सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कपास किसानों के हितों की रक्षा करने और डिजिटल रूप से सशक्त इकोसिस्टम की दिशा में परिवर्तन को गति देने के लिए सरकार के दृष्टिकोण की पुष्टि की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के अनुरूप सभी प्रक्रियाएं पूर्ण रूप से फेसलेस और पेपरलेस हैं, जिससे किसानों और अन्य हितधारकों का एमएसपी संचालन में विश्वास और भरोसा मजबूत हो रहा है।
पहली बार, खरीद केंद्र स्थापित करने के लिए एक समान मानदंड तय किए गए हैं, जिसमें कपास क्षेत्र का आकार, कार्यशील एपीएमसी यार्ड्स की उपलब्धता और कम से कम एक स्टॉक प्रोसेसिंग फैक्ट्री की उपस्थिति शामिल हैं। इसके फलस्वरूप देशभर में 550 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
एमएसपी के तहत कपास की खरीद उत्तरी राज्यों में 1 अक्टूबर, मध्य राज्यों में 15 अक्टूबर और दक्षिणी राज्यों में 21 अक्टूबर, 2025 से आरंभ होगी। इस सीजन से देशभर में कपास किसानों के लिए आधार आधारित सेल्फ-रजिस्ट्रेशन और 7 दिन की रोलिंग स्लॉट बुकिंग की सुविधा ‘कपास-किसान’ मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। यह ऐप पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप से नियंत्रित करेगा।
वस्त्र मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल शुरू की गई एसएमएस-आधारित भुगतान सूचना सेवा भी जारी रहेगी। हर एपीएमसी मंडी में राज्यों की ओर से स्थानीय निगरानी समितियां (एलएमसी) स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही, पूरी खरीद अवधि के दौरान राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन और केंद्रीय सीसीआई हेल्पलाइन काम करेंगी।