क्या करनाल का दिव्यांश नासा में भारत का नाम रोशन करेगा?

Click to start listening
क्या करनाल का दिव्यांश नासा में भारत का नाम रोशन करेगा?

सारांश

करनाल के दिव्यांश कौशिक का अमेरिका के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में चयन हुआ है। वह नासा के लिए उड़ान भरते हुए भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके सपनों को नई ऊंचाइयां मिली हैं और यह यात्रा उनके लिए एक ऐतिहासिक मौका है।

Key Takeaways

  • दिव्यांश कौशिक का चयन यूनाइटेड स्पेस स्कूल में हुआ है।
  • उन्होंने नासा के लिए उड़ान भरने का अवसर प्राप्त किया है।
  • दिव्यांश का सपना एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का है।
  • भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करेंगे।
  • उन्हें शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा मिली है।

करनाल, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अपना आदर्श मानने वाला करनाल का दिव्यांश कौशिक नासा के लिए उड़ान भरने जा रहा है। दिव्यांश का चयन अमेरिका के प्रसिद्ध यूनाइटेड स्पेस स्कूल के लिए हुआ है, जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।

अमेरिका के फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल स्पेस एजुकेशन द्वारा हर साल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें चयनित छात्रों को नासा के वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष मिशन की शिक्षा प्रदान की जाती है।

इस वर्ष कार्यक्रम में 25 देशों के 44 विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है, जो मिलकर मंगल ग्रह पर मानव मिशन की योजना बनाएंगे। कार्यक्रम के लिए भारत से हजारों छात्रों ने आवेदन किया, लेकिन केवल दो छात्रों का चयन हुआ, जिनमें से एक दिव्यांश कौशिक हैं।

अमेरिका जाने से पहले दिव्यांश कौशिक के लिए करनाल के स्कूल में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता भी उपस्थित रहीं।

दिव्यांश का सपना एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का है और इस चयन ने उनके सपनों को नई ऊंचाइयां दी हैं। दिव्यांश ने कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूं। यूनाइटेड स्पेस स्कूल में आने वाले छात्रों से बातचीत हुई है। हम सब एक-दूसरे से मिलने के लिए उत्सुक हैं।"

दिव्यांश ने बताया कि यूनाइटेड स्पेस स्कूल में स्पेस एजुकेशन के साथ-साथ ट्रेनिंग भी होगी। कुछ अध्ययन भी कराए जाएंगे। शुभांशु शुक्ला के बारे में दिव्यांश ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री के साथ उनका (शुभांशु शुक्ला) इंटरव्यू देखा। वे मेरे आदर्श बन गए हैं। उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है।"

दिव्यांश की मां अंजू ने कहा, "मेरा यही कहना है कि वहां जाकर वह अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करे। वह 15 दिनों के लिए जा रहा है, जिसमें उसे बहुत कुछ सीखना है।" उन्होंने आगे कहा, "मैं यही चाहती हूं कि वह अपना बेस्ट करे और भारत का नाम रोशन करके लौटे।"

करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता ने दिव्यांश को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, "दिव्यांश ने बहुत मेहनत की है, जिससे उसे नासा में जाने का मौका मिला है। मैंने उसका विजन समझा है, जिस तरह वह एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है। उसके लिए 15 दिन ऐतिहासिक होने वाले हैं।"

Point of View

बल्कि यह भारत के युवा प्रतिभाओं के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत है। जब हमारे युवा ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने देश का नाम रोशन करते हैं, तो यह न केवल उनकी मेहनत का फल है, बल्कि यह हमारे देश के भविष्य की दिशा भी निर्धारित करता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

दिव्यांश कौशिक कौन हैं?
दिव्यांश कौशिक करनाल के एक युवा प्रतिभा हैं, जिन्होंने अमेरिका के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में चयनित होकर नासा के लिए उड़ान भरने का अवसर प्राप्त किया है।
यूनाइटेड स्पेस स्कूल क्या है?
यूनाइटेड स्पेस स्कूल एक प्रतिष्ठित संस्था है, जहां छात्रों को अंतरिक्ष मिशन की शिक्षा दी जाती है और उन्हें नासा के वैज्ञानिकों के साथ प्रशिक्षण का अवसर मिलता है।
क्या दिव्यांश कौशिक को कोई पुरस्कार मिला है?
दिव्यांश कौशिक को उनके चयन के लिए करनाल के स्कूल में सम्मानित किया गया है।
दिव्यांश का सपना क्या है?
दिव्यांश का सपना एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का है।
दिव्यांश की प्रेरणा कौन हैं?
दिव्यांश ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अपना आदर्श माना है।