क्या वित्त वर्ष 25 में उत्तर-पूर्व की परियोजनाओं के लिए केंद्र की फंडिंग 74 प्रतिशत बढ़ी?

Click to start listening
क्या वित्त वर्ष 25 में उत्तर-पूर्व की परियोजनाओं के लिए केंद्र की फंडिंग 74 प्रतिशत बढ़ी?

सारांश

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 25 में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए 3,447.71 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 74.4 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह वृद्धि वित्तीय अनुशासन और डिजिटल ट्रैकिंग के कारण संभव हुई है।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में 3,447.71 करोड़ रुपए का व्यय किया।
  • फंडिंग में 74.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • 97 प्रतिशत परियोजनाओं का निरीक्षण हुआ है।
  • मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में क्षेत्रीय कार्यबल स्थापित किए गए हैं।
  • राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में 4.48 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 25 में केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए 3,447.71 करोड़ रुपए का व्यय किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 74.4 प्रतिशत अधिक है और पिछले तीन वर्षों में इसमें 200 प्रतिशत का बढ़ावा मिला है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह प्रगति उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा वित्तीय अनुशासन, डिजिटल निगरानी और समय पर धनराशि वितरण पर ध्यान देने के कारण संभव हुई है। साप्ताहिक समीक्षा प्रणाली, चार किश्तों में धनराशि जारी करने की प्रक्रिया और पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप 97 प्रतिशत परियोजना निरीक्षण कवरेज और 91 प्रतिशत पूर्ण परियोजनाओं का संचालन हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया, "उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दशकीय जीडीपी वृद्धि दर देश के औसत से ऊपर रही है।" उन्होंने उच्च साक्षरता दर और विशाल जनसंख्यकीय लाभांश पर भी ध्यान दिया, जहां 70 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 28 वर्ष से कम है। ये सभी कारक मिलकर इस क्षेत्र को वास्तव में भारत का विकास इंजन बनाते हैं।

मंत्री ने कहा कि एक महत्वपूर्ण शासन सुधार के तहत, मंत्रालय ने पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, बुनियादी ढांचा, खेल, पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारा और प्रोटीन आत्मनिर्भरता जैसे आठ क्षेत्रों में मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में क्षेत्रीय उच्च-स्तरीय कार्यबलों को स्थापित किया है। ये कार्यबल अंतर-राज्यीय सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं, नीतिगत समन्वय को सक्षम बनाते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास के प्रयास राज्य तक सीमित न रहकर क्षेत्रीय रूप से एकीकृत हों।

एक अंतर-मंत्रालयी सुविधा तंत्र के माध्यम से, उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय ने शिलांग हवाई अड्डे के विस्तार, सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के वैकल्पिक एलाइनमेंट और त्रिपुरा में कैलाशहर हवाई अड्डे के विकास जैसे प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए अनुमोदन में तेजी लाई है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूती मिली है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस वर्ष निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। मई 2025 में भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 और संबंधित कार्यक्रमों में आठ मुख्यमंत्रियों, आठ केंद्रीय मंत्रियों, 100 से अधिक राजदूतों और 108 सार्वजनिक उपक्रमों ने भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4.48 लाख करोड़ रुपए मूल्य के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए - जो इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र के विकास में केंद्र सरकार की बढ़ती रुचि और निवेश इस क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल देश के विकास में योगदान देगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी अवसरों का सृजन करेगा।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में कितनी फंडिंग की है?
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 25 में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए 3,447.71 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
इस वर्ष की फंडिंग पिछले वर्ष की तुलना में कितनी अधिक है?
यह पिछले वर्ष की तुलना में 74.4 प्रतिशत अधिक है।
इस क्षेत्र में विकास के कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं?
इस क्षेत्र में पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, बुनियादी ढांचा, खेल, पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारा और प्रोटीन आत्मनिर्भरता शामिल हैं।