क्या केरल की आशा कार्यकर्ता प्रदर्शन जारी रखेंगी जब तक राज्य सरकार सहायता नहीं देती?

सारांश
Key Takeaways
- आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन 168 दिन से जारी है।
- केंद्र ने प्रोत्साहन राशि 2,000 रुपये से 3,500 रुपये की।
- राज्य सरकार से समान सहायता की मांग।
- आंदोलन का नेतृत्व मिनी कर रही हैं।
- आशा कार्यकर्ताओं ने दो बार संसद तक मार्च किया।
तिरुवनंतपुरम, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए मासिक प्रोत्साहन राशि को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये करने का निर्णय लिया है, लेकिन केरल में प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि जब तक पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार समान सहायता नहीं देती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी।
राज्य सचिवालय के बाहर अपने विरोध प्रदर्शन के 168वें दिन आशा कार्यकर्ताओं ने केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया और राज्य सरकार से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की अपील की।
आंदोलन का नेतृत्व कर रही आशा कार्यकर्ता मिनी ने शनिवार को कहा, "हम केंद्र के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री विजयन को कदम उठाना होगा। जब तक राज्य सरकार हमें न्याय नहीं देती, हमारा विरोध जारी रहेगा।" उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं ने दो बार संसद तक मार्च किया। इस दौरान केरल के कांग्रेस और भाजपा सहित विभिन्न दलों के सांसदों ने उनका समर्थन किया और संसद में उनका मुद्दा उठाया।
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने केरल के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन को बताया कि केंद्र ने प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसके अतिरिक्त, 10 साल की सेवा पूरी करने वाली आशा कार्यकर्ताओं के लिए एकमुश्त रिटायरमेंट लाभ को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
मिनी ने कहा, "केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है, अब राज्य सरकार की बारी है। यह कहना कि केरल की आर्थिक स्थिति कमजोर है, गलत है। हमें ज्यादातर काम राज्य सरकार ही सौंपती है, और हम उसे पूरी मेहनत से पूरा करते हैं। अब उन्हें हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा।"
आरोप है कि आशा कार्यकर्ताओं ने विजयन सरकार के साथ चार बार बातचीत की और राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के साथ अलग से बैठक भी की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।